कुमाऊं विवि में शोध के नियम बदले, अब 60 दिन के अंदर जमा करनी होगी थिसिस
कुमाऊं विवि के परिसरों व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में शोध के नियमों में परिवर्तन। नए नियमों के अनुसार प्री-पीएचडी डीएससी डी-लिट की थीसीस 60 दिन में जमा करना
नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विवि के परिसरों व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में शोध के नियमों को और कड़ा कर दिया गया है। नए नियमों के अनुसार प्री-पीएचडी, डीएससी, डी-लिट की थीसीस अधिकतम 60 दिन के भीतर शोध अनुभाग कार्यालय कुमाऊं विवि में जमा करनी होगी। पहले यह अवधि 45 दिन थी। यही नहीं शोध कक्षाओं में दो सौ दिन उपस्थिति भी अनिवार्य कर दी गई है। शोध पूरा होने के उपरांत ही शोध ग्रंथ जमा करने की अनुमति मिलेगी। इसके लिए शोध संयोजक, निर्देशक व शोधार्थियों को जबावदेह बनाया गया है।
विवि के निदेशक शोध प्रो. राजीव उपाध्याय की ओर शुक्रवार से कुलपति प्रो. डीके नौडिय़ाल की मंजूरी के बाद शोध को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई। शोधार्थी द्वारा शोध ग्रंथ की कॉपी आवरण सहित खुद तैयार की जाएगी। शोध निर्देशकों से अपेक्षा की गई है कि शोधार्थी के शोध ग्रंथ का भलीभांति अध्ययन व अवलोकन कर लें। इसके बाद ही परीक्षा में शामिल करें। शोधार्थी के शोध ग्रंथ की फाइनल वर्जन को उरकुंड सॉफ्टवेयर में इलेक्ट्रानिक प्रमाण पत्र द्वारा जमा करना अनिवार्य है।
रिसर्च डेवलपमेंट कमेटी की अनुमति के बिना किसी भी दशा में शोध के शीर्षक, रूपरेखा में बदलाव असंवैधानिक होगा। शोध ग्रंथ के परीक्षण के लिए बने पैनल में विवि या संबद्ध महाविद्यालय के प्राध्यापक नहीं बल्कि बाहरी विवि के प्राध्यापकों द्वारा चेक किया जाएगा। किसी भी दशा में कुमाऊं विवि या इससे संबद्ध कॉलेज के प्राध्यापक परीक्षक के रूप में मान्य नहीं होंगे। विभागाध्यक्षों व शोध निर्देशकों की यह जिम्मेदारी है कि शोधार्थी उनके विभाग में या उनके अधीन कम से कम दो सौ दिन उपस्थिति सुनिश्चित हो।
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