Move to Jagran APP

पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की मार किसानों पर, तापमान नहीं बढ़ने से रबी की फसल प्रभावित

पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की मार किसानों पर भारी पड़ रही है। रबी की फसल पर इसका सबसे अधिक असर पड़ रहा है। तापमान नहीं मिलने से रबी की फसल की बढ़त प्रभावित हो रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:07 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 08:27 PM (IST)
पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की मार किसानों पर, तापमान नहीं बढ़ने से रबी की फसल प्रभावित
पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की मार किसानों पर, तापमान नहीं बढ़ने से रबी की फसल प्रभावित

पिथौरागढ़, जेएनएन : पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम की मार किसानों पर भारी पड़ रही है। रबी की फसल पर इसका सबसे अधिक असर पड़ रहा है। तापमान नहीं मिलने से रबी की फसल की बढ़त प्रभावित हो रही है। मार्च अंत तक भी मौसम में सुधार नहीं हुआ तो रबी के उत्पादन में कमी आना तय है।

loksabha election banner

सीमांत जिले पिथौरागढ़ में 32 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल बोई जाती है। इससे आधे क्षेत्रफल में जौ और मसूर बोया जाता है। फसल के बेहतर उत्पादन के लिए मार्च माह में औसत तापमान लगभग 25 से 28 डिग्री सेंटीग्रेट चाहिए, लेकिन वर्तमान में तापमान 20 से 23 डिग्री सेंटीगे्रट के बीच चल रहा है। जिले में मार्च प्रथम सप्ताह से ही बारिश हो रही है। बरसात के चलते तापमान बढ़ नहीं पा रहा है। जिसके चलते गेहूं, मसूर और जौ की पौध बढ़ नहीं पा रही है। पौध के विकास में कमी से किसान परेशान हैं। मुवानी घाटी के उन्नतशील काश्तकार गंभीर सिंह कठायत ने बताया कि मार्च माह में उत्पादन के लिए जरू री तापमान नहीं मिल पा रहा है। इससे गेहूं, मसूर आदि की पौध नहीं बढ़ पा रही है। मार्च माह में घाटी वाले क्षेत्रों में गेहूं और मसूर की पौध में दाना तैयार होने लगता था, लेकिन इस वर्ष पौध में अब तक दाना नहीं लगा है। इन क्षेत्रों में मई माह में फसल कटने लगती है। मूनाकोट के उन्नतशील काश्तकार रघुवीर सिंह भी मौसम की मार से परेशान हैं। उनका कहना है कि आज से लगभग डेढ़ दशक पूर्व भी मार्च माह में ऐसा ही मौसम देखने में आया था, उस वर्ष उत्पादन 40 प्रतिशत तक सिमट गया था।

मार्च अंत तक तापमान नहीं

धीरेंद्र जोशी, कृषि विशेषज्ञ, पिथौरागढ़ ने बताया कि गेहूं, मसूर जौ उत्पादन के लिए मार्च में 25 से 28 डिग्री तापमान की जरूरत पड़ती है, लेकिन इस वर्ष तापमान काफी कम है, मार्च अंत तक तापमान नहीं सुधरता है तो उत्पादन में गिरावट आ सकती है।

यह भी पढ़ें : राजनीतिक कद व निर्विवाद छवि ने टम्‍टा को फिर से अल्‍मोड़ा सीट से टिकट दिलाने में की मदद

यह भी पढ़ें : संघ और हाइकमान में मजबूत पकड़ के कारण मिला प्रदेश अध्‍यक्ष अजय भट्ट को टिकट


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.