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राजनीतिक कद व निर्विवाद छवि ने टम्‍टा को फिर से अल्‍मोड़ा सीट से टिकट दिलाने में की मदद

मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के पांच सांसदों में एक अजय टम्टा को एक बार फिर अपने राजनीतिक कद और संघ से नजदीकी का फायदा मिला है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 10:13 AM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 07:31 PM (IST)
राजनीतिक कद व निर्विवाद छवि ने टम्‍टा को फिर से अल्‍मोड़ा सीट से टिकट दिलाने में की मदद

अल्मोड़ा, जेएनएन : मोदी कैबिनेट में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्य के पांच सांसदों में एक अजय टम्टा को एक बार फिर अपने राजनीतिक कद और संघ से नजदीकी का फायदा मिला है। तमाम कयासों और दावेदारों के बीच भाजपा ने आखिर कार अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट पर अजय टम्टा पर दांव खेलने का निर्णय लिया है। टिकट फाइनल होने के बाद जहां कार्यकर्ताओं ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं खुद निवर्तमान सांसद ने भी मतदाताओं से जनसंपर्क करना शुरू कर दिया है।

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अल्मोड़ा के दुगालखोला मोहल्ले निवासी अजय टम्टा का जन्म स्व. मनोहर लाल टम्टा के घर में 16 जुलाई 1972 को हुआ। टम्टा ने अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत जिला पंचायत सदस्य से की। उन्होंने सबसे पहले जिले के तल्ला तिखून से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। जिसके बाद टम्टा 1996 में जिला पंचायत उपाध्यक्ष बने। जबकि  उन्होंने जिला पंचायत में कार्यवाहक अध्यक्ष के पद पर भी कार्य किया। वर्ष 2002 में अजय टम्टा को भाजपा से टिकट न मिलने नर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2007 में टम्टा की मुराद पूरी हुई और भाजपा ने उन्हें सोमेश्वर विधानसभा से अपना उम्मीदवार बनाया।

इस चुनाव में टम्टा की जीत हासिल हुई और उन्हें खंडूरी सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व मिला। पार्टी संगठन में टम्टा की सक्रियता को पार्टी ने 2009 में टम्टा को अल्मोड़ा पिथौरागढ़ सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया। लेकिन इस चुनाव में टम्टा को शिकस्त का सामना करना पड़ा। 2012 में टम्टा ने फिर सोमेश्वर से विधानसभा का चुनाव जीता और 2014 में भाजपा ने उन्हें फिर लोकसभा में उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में टम्टा ने कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को शिकस्त देकर यह चुनाव जीत लिया। चुनाव जीतने के बाद टम्टा को मोदी कैबिनेट में शामिल करने की चर्चाएं रही।

लेकिन बाद में शपथ लेने वाले मंत्रियों में उनका नाम सूची से हटा दिया गया। केंद्र सरकार में उत्तराखंड से पांच सांसदों में से हर कोई मोदी कैबिनेट में शामिल होने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन यहां भी अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय सीट से सांसद चुने गए अजय टम्टा ने पार्टी के दिग्गज नेताओं को पछाड़ा और 6 जुलाई 2014 को केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। जिसके बाद अजय टम्टा का सियासी कद बढ़ता चला गया।

युवा और दलित नेता बनकर उभरे टम्टा

अजय टम्टा उत्तराखंड में भाजपा के युवा चेहरे के साथ ही दलित नेता के रूप में उभर कर सामने आए। अपने सियासी सफर के दौरान टम्टा ने भाजपा में अनुसूचित मोर्चें के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी संभाला। यही कारण है कि आरक्षित सोमेश्वर विधानसभा और अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय सीट पर भाजपा ने टम्टा पर दांव खेलना मुनासिब समझा।

संगठन में भी मजबूत पकड़

अल्मोड़ा पिथौरागढ़ संसदीय सीट पर भाजपा के उम्मीदवार अजय टम्टा की संगठन में भी मजबूत पकड़ है। संगठन के सभी कार्यक्रमों में अजय टम्टा की सक्रिय भागीदारी रहती है। इसके अलावा संघ में भी टम्टा की मजबूत पकड़ का ही परिणाम है कि उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह देने के साथ ही 2019 में हो रहे चुनावों में पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।

सिटिंग गेटिंग फार्मूला भी आया काम 

केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री का पद मिलने के बाद टम्टा का सियासी कद काफी बढ़ गया था। हालांकि 2019 के चुनावों में प्रदेश में बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने भी पार्टी नेताओं के सामने अपनी दावेदारी प्रबल रूप से रखी थी। लेकिन इस सीट पर पहले से सांसद चुने जाने और केंद्र में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद उनकी दावेदारी काफी मजबूत थी। जिस कारण पार्टी ने उन पर फिर दांव खेला और उन्हें इस चुनावों में मैदान में उतारा।

प्रोफाइल

नाम : अजय टम्टा

पिता का नाम - स्व. मनोहर टम्टा

पत्नी का नाम- सोनल टम्टा

पत्नी का व्यवसाय - प्रवक्ता

उम्र : 47 वर्ष

शैक्षिक योग्यता - इंटर

बोले अजय टम्टा

मोदी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद मैंने अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन किया है। केंद्र सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के पूरे पूरे प्रयास किए गए। जबकि संगठन के हर कार्यों में मैंने सक्रियता से अपनी भागीदारी सुनिश्वित की है। यही कारण है कि पार्टी संगठन ने फिर मुझ पर विश्वास व्यक्त किया है। इस जिम्मेदारी को मैं पूरी शिद्दत से निभाऊंगा।

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