Uttarakhand News: नैनीताल पहुंचे राकेश टिकैत, कहा- देश भर में बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं किसान
राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में किसानों मजदूरों और आम इंसान की बुरी स्थिति है। उत्तराखंड में पूर्व म ...और पढ़ें

नैनीताल, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने सरकार पर किसानों और आम आदमी की उपेक्षा के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल उद्योगपतियों के बारे में सोच रही है। सरकार किसानों की जमीन पर उद्योग पतियों के जरिए कब्जा जमाना चाहती है।
एमएसपी पर सरकार ने नहीं बनाई स्पष्ट राय
टिकैत ने कहा कि अब तक सरकार की ओर से एमएसपी को लेकर कोई स्पष्ट राय नहीं बनाई गई। इसलिए जल्द ही देशभर में किसान एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने प्रदेश में बढ़ते पलायन के पीछे पर्याप्त उद्योग धंधे और सरकार के पास मजबूत ढांचा कार्ययोजना नहीं होना कारण बताया। कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे-छोटे उद्योग धंधे स्थापित करने के साथ पर्यटन संभावनाएं विकसित कर पलायन को कम किया जा सकता है।
उत्तराखंड में खत्म हो रहे उद्योग
शनिवार को निजी दौरे पर नैनीताल पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में किसानों, मजदूरों और आम इंसान की बुरी स्थिति है। उत्तराखंड में पूर्व में शुरू किए गए उद्योग धंधों की पैकेज अवधि समाप्त हो रही है। ऐसे में भवन और अन्य सुविधाएं होने के बावजूद इंडस्ट्री बंद हो रही है। जिस कारण पहाड़ के लोगों को बाहर पलायन करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को कंपनियों के पैकेज को बढ़ाना होगा। साथ ही पहाड़ों पर छोटे-छोटे उद्योग केंद्र स्थापित कर किसानों को सीधे उनसे जोड़ना होगा।
पर्यटन पहाड़ के लिए बेहद अहम
टिकैत ने कहा कि पर्यटन कारोबार पहाड़ों के लिए बेहद अहम है। होमस्टे और अन्य योजनाओं का संचालन कर पहाड़ से पलायन को रोका जा सकता है। उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि मांगों को लेकर बड़े किसान आंदोलन के स्थगित होने के बाद अब केंद्र अथवा किसी भी राज्य की सरकार किसानों के मुद्दे पर बात नहीं करना चाहती, जिससे प्रतीत हो रहा है कि देश मे तानाशाही राज चल रहा है।
रिसर्च सेंटर बंद कराना चाहती है सरकार
टिकैत ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में वहां की क्लाइमेट के आधार पर एग्रीकल्चर सेंटर स्थापित किए गए थे। मगर केंद्र सरकार इन रिसर्च सेंटरों के बजट में भी कटौती कर रही है। साथ ही रिसर्च का काम भी अब कई विदेशी कंपनियों को दिया जा रहा है। जिससे पहाड़ और किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। कहां की एमएसपी निर्धारण को लेकर सरकार अब तक कुछ कार्य नहीं कर पाई है। जिसको लेकर एक बार फिर देश भर के किसानों में विरोध का माहौल है। बहुत जल्द देश भर के किसान एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करेंगे।

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