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    नैनीताल में दो दिन से हो रही वर्षा बीते वर्ष की आपदा के दे रही संकेत, चार दिन के लिए और जारी किया गया अलर्ट

    By Jagran NewsEdited By: Rajesh Verma
    Updated: Sat, 08 Oct 2022 02:47 PM (IST)

    बीते दो दिन से लगातार हो रही वर्षा बीते ने चिंता बढ़ा दी है। अब चार दिन का और अलर्ट जारी कर दिया गया है जो अब बीते वर्ष अक्टूबर के ही महीने में आई आपदा के संकेत दे रही है। अब अतिवृष्टि से भारी जानमाल का नुकसान हुआ था।

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    वर्षा का अलर्ट होने के कारण जिला प्रशासन, आपदा विभाग और पुलिस विभाग भी चिंता में है।

    नरेश कुमार, नैनीताल। बीते दो दिन से लगातार हो रही वर्षा बीते वर्ष घटित आपदा के संकेत दे रही है। मौसम विभाग की ओर से अभी चार और दिनों के लिए वर्षा का अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में जिला प्रशासन और आपदा विभाग की चिंता भी बढ़ गई है। हालांकि विभाग आपदा से निपटने के लिए इंतजाम पुख्ता होने के दावे कर रहा है, मगर अतिवृष्टि बीते वर्ष की तरह ही मुसीबत खड़ी न कर दे। बीते वर्ष भी अक्टूबर में ही अतिवृष्टि से भारी जानमाल का नुकसान हुआ था। जिससे लोग अभी तक नहीं उभर पाए है।

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    11 अक्टूबर तक ऑरेंज व यलो अलर्ट

    बता दे कि मौसम विभाग की ओर से शुक्रवार को भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया गया था। मगर गुरुवार रात से ही वर्षा होने लगी। शुक्रवार दिनभर हल्की वर्षा रही। जो रात के बाद बढ़ गयी। जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने अब 11 अक्टूबर तक के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। लगातार दो दिन से जारी वर्षा के कारण लोगों को बीते वर्ष 18-19 अक्टूबर की आपदा की यादें ताजी होने लगी है। वहीं अगले चार दिनों तक वर्षा का अलर्ट होने के कारण जिला प्रशासन, आपदा विभाग और पुलिस विभाग भी चिंता में है।

    5 ग्रामीण मार्ग बंद, कोई बड़ा नुकसान नहीं

    बीते दो दिनों से लगातार वर्षा के चलते जिले के पांच ग्रामीण मार्ग बंद है। मगर राहत की बात है कि वर्षा से अब तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। जिले के अमृतपुर-जमरानी, देवीपुरा-सौड़, नलैना- चोपड़ा, लोहली, कौंता-कंकोड-हरीशताल मार्ग बंद पड़े है। जिनमें बुलडोजर तैनात कर मलबा हटाया जा रहा है।

    बीते वर्ष मची थी तबाही, दिखते है अब भी जख्म

    बीते वर्ष अक्टूबर माह में भी मौसम विभाग ने भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया था। 17 अक्टूबर को अलर्ट जारी होने के बाद शाम से ही वर्षा शुरू हो गयी। 18 अक्टूबर की दोपहर को नैनीझील लबालब भर गई। जलस्तर 12 फीट पहुँचने के बाद सिंचाई विभाग ने झील से पानी की निकासी शुरू की। मगर बहुत अधिक वर्षा होने के कारण हालात असामान्य हो गए। शाम होते-होते झील का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क तक पहुँच गया। अगले दिन भी शाम तक वर्षा होने के कारण स्थिति असामान्य ही बनी रही। शहर को जोड़ने वाले भवाली, हल्द्वानी और कालाढूंगी तीनो मार्ग बंद हो गए। वर्षा थमने के बाद हालात तो सामान्य हो गए, मगर क्षतिग्रस्त सड़के अब तक पूरी तरह दुरुस्त नहीं की जा सकी है।

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    न बिगड़े हालात, 12 फीट से पहले खुल जाएंगे निकासी गेट

    बीते वर्ष की अतिवृष्टि में झील का जलस्तर ओवरफ्लो हो गया था। वर्ष 1993 में बाद करीब 28 वर्ष बाद झील के निकासी गेट खुले होने के बावजूद झील ओवरफ्लो हो गयी। मगर इस वर्ष ऐसे ही हालात दोबारा पैदा न हो जल संस्थान पहले से3 इसकी तैयारी में है। झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह गौड़ा ने बताया कि बीते वर्ष कुछ ही घंटो में झील का जलस्तर कई फीट बढ़ गया था। हालांकि इस वर्ष जलस्तर अभी 12 फीट नहीं पहुँचा है, मगर यदि लगातार वर्षा होती रही तो जलस्तर 12 फीट पहुँचने का इंतजार नहीं किया जाएगा। जलस्तर बढ़ने पर 11.6 फीट पहुँचते ही झील के निकासी गेट खोल दिये जायेंगे।

    मानसून काल बीतने के बाद हो रही वर्षा

    बीते कुछ वर्षों में मानसून काल बीतने के बाद अधिक वर्षा हो रही है। मौसम का चक्र असंतुलित होने से सामान्य जनजीवन पर भी इसका असर पड़ रहा है। बीते वर्ष अक्टूबर और इस वर्ष मानसूनकाल बीतने के बाद हुई वर्षा के आंकड़े मौसम चक्र असंतुलित होने की पुष्टि कर रहे है। इस वर्ष नैनीताल में 15 सितंबर के बाद 314 मिमी वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। जबकि बीते वर्ष अक्टूबर के तीन दिनों में ही 595 मिमी बर्षा हो गयी थी। जबकि जून से शुरू हुए मानसून में 911 मिमी वर्षा ही रिकार्ड की गई।

    10.4 फीट पहुंचा झील का जलस्तर

    लगातार हो रही वर्षा ने भले की प्रशासन और आपदा विभाग को चिंता में डाल दिया हो, मगर नैनीझील के लिए वर्षा वरदान साबित हो रही है। आधा मानसून बीतने के बावजूद लगातार गिर रहा झील का जलस्तर अब राहत दे रहा है। झील नियंत्रण कक्ष प्रभारी रमेश सिंह गौड़ा ने बताया कि झील का जलस्तर सामान्य से 10.4 फीट ऊपर पहुँच गया है। अक्टूबर माह में झील में 10 फीट से अधिक पानी होना अच्छा संकेत है।

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    20 अगस्त के बाद बढ़ रहा झील का जलस्तर

    लगातार हो रही वर्षा झील के साथ ही प्राकृतिक जलस्रोतों के लिए भी लाभकारी साबित हुई है। वर्षा के चलते जलस्रोत रिचार्ज होने का सीधा असर झील के जलस्तर पर पड़ रहा है। रमेश सिंह गैड़ा ने बताया कि बीते 20 अगस्त के बाद से झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। 20 अगस्त को जलस्तर 5.7 फीट था जो बढ़कर 10.4 फीट पहुँच गया है।

    सात वर्षों में यह रहा जनवरी से आठ अक्टूबर तक वर्षा का आंकड़ा

    वर्ष- वर्षा मिमी में

    2022- 1422

    2021- 1833

    2020- 1569

    2019- 1481

    2018- 2035

    2017- 3411

    2016- 3248

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