किसानों को कर्ज के बोझ से राहत देगी ओटीएस स्कीम, जानिए इसके बारे में
लोकसभा चुनाव से पहले सरकार किसानों को निराश नहीं करना चाहती है और हर स्तर पर राहत देने के लिए मंथन में जुटी है।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : लोकसभा चुनाव से पहले सरकार किसानों को निराश नहीं करना चाहती है और हर स्तर पर राहत देने के लिए मंथन में जुटी है। सहकारिता से जुड़े किसानों को कर्ज से राहत दिलाने के लिए ओटीएस (वन टाइम सैटलमेंट) स्कीम शुरू कर दी गई है। इससे प्रदेश के 50 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
ऐसे मिलेगा ओटीएस स्कीम का लाभ
जिन किसानों ने सहकारी बैंकों से कर्ज लिया है और चुकाने में असमर्थ हैं। लंबे समय से इनके खाते एनपीए हो चुके हैं। अब ओटीएस के तहत सरकार इन्हें ब्याज में राहत देगी। इससे जहां किसानों को राहत मिलेगी, वहीं दूसरी बार रोजगार व खेती करने के लिए लोन मिलने लग जाएगा।
19 लाख खाते, 12 लाख किसान जुड़े
राज्य में सहकारी बैंकों में 19 लाख खाते हैं। इनमें से करीब 12 लाख किसान जुड़े हुए हैं। इन बैंकों से आसानी से कर्ज मिल जाता है, लेकिन तमाम किसान कर्ज को चुकाने में असमर्थ हो जाते हैं।
सहकारी बैंकों का एनपीए
राज्य में जून 2018 तक 4130.51 करोड़ रुपये बट्टे खाते में चले गए हैं। इतनी अधिक रकम एनपीए होने से सहकारिता विभाग भी परेशान है। इस घाटे से उबरना भी सहकारिता विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कई नेता ऐसे हैं, जो लोन चुकाने को लेकर सक्रिय नहीं हैं।
बैंक भी घाटे से उबरेंगे
दान सिंह रावत, अध्यक्ष, राज्य सहकारी बैंक ने बताया कि किसानों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री व सहकारिता मंत्री जुटे हुए हैं। इसी क्रम में किसानों के लिए ओटीएस स्कीम लागू की गई है। निश्चित तौर पर इसका लाभ किसानों को मिलेगा। साथ ही बैंक भी घाटे से उबर सकेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।