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    सार्वजनिक स्‍थानों पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश nainital news

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 04 Mar 2020 08:58 PM (IST)

    उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थान व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को 23 मार्च तक हटाने के आदेश सरकार को दिए हैं।

    सार्वजनिक स्‍थानों पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को हटाने के आदेश nainital news

    नैनीताल, जेएनएन : उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक स्थान व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को 23 मार्च तक हटाने के आदेश सरकार को दिए हैं। इस मामले में कोर्ट की सख्ती के बाद राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट ने सरकार को एक साल का समय देने से इनकार कर दिया।

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    दरअसल पिछले साल 29 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय ने 23 मार्च तक अवैध रूप से बने सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे व चर्च को हटाने के आदेश पारित किया था। बुधवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। पूर्व में खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राच्यों को सार्वजनिक स्थान व सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर बनाए गए मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च को हटाने का आदेश पारित किया था मगर अब तक उत्तराखंड सरकार द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया।

    इन द मैटर ऑफ  रिमूवल आफ  इल लीगल रिलिजियस स्ट्रेक्चर ऑन द पब्लिक लैंड के रूप में कोर्ट ने जनहित याचिका का संज्ञान लिया था। जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सार्वजनिक स्थानों पर अवैध रूप से बनाये धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया। सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा आदेश के अनुपालन के लिए एक साल का समय मांगा गया मगर कोर्ट ने समय देने से  इनकार कर दिया और 23 मार्च तक मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। कोर्ट की सख्ती के बाद इस मामले में खलबली मचना तय है।

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