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करोड़पति बनाने का ख्‍वाब दिखाकर नेटवर्किंग कंपनियां ऐसे ठग रहीं किशोरों को, जानें

किशोर से लेकर युवाओं को कम समय में अमीर बनने का ख्वाब दिखाकर ठगने वाला गिरोह कुमाऊं के कई शहरों में सक्रिय है। सेमिनार ऐसे युवाओं को सम्मोहित किया जाता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 11:27 AM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 06:57 PM (IST)
करोड़पति बनाने का ख्‍वाब दिखाकर नेटवर्किंग कंपनियां ऐसे ठग रहीं किशोरों को, जानें
करोड़पति बनाने का ख्‍वाब दिखाकर नेटवर्किंग कंपनियां ऐसे ठग रहीं किशोरों को, जानें

हल्द्वानी, संदीप मेवाड़ी : किशोर से लेकर युवाओं को कम समय में अमीर बनने का ख्वाब दिखाकर ठगने वाला गिरोह कुमाऊं के कई शहरों में सक्रिय है। उज्जवल भविष्य की आस में गांवों से शहर आने वाले नौजवान ऑनलाइन कंपनी ईबीज से जुड़कर करोड़पति बनाने के ख्वाब पालकर लुट रहे हैं। हर हफ्ते सेमिनार लगाकर उनको सम्मोहित किया जाता है। सैकड़ों युवा अब तक इस नेटवर्किंग कंपनी का शिकार बन चुके हैं।

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16 से 22 साल तक की उम्र काफी संवेदनशील होती है। इस उम्र में हर कोई भविष्य के सपने देखता है। यही सपने ऑनलाइन नेटवर्किंग कंपनी के गिरोह के जाल में फंसने का जरिया बन रहे हैं। गिरोह की शातिर युवक-युवतियां पूरे सप्ताह 'शिकारÓ ढूंढते हैं। हर रविवार को टीन एजर्स को हल्द्वानी के एक होटल में आयोजित किए जाने वाले सेमिनार में बुलाया जा रहा है। यहां मास्टरमाइंड अपने लेक्चर के माध्यम से ऊंचा मुकाम हासिल कर चुके कुछ लोगों के किस्से सुनाकर किशोर व युवकों को मोहित कर रहे हैं। इसके बाद उन्हें ईबीज कंपनी से जुड़कर एक से दो साल में अमीर बनने का स्वप्न दिखाया जा रहा है। किशोर-युवाओं से उनकी पसंद की बाइक, कार, भवन या कोई अन्य शौक की जानकारी ली जाती है। बातों के एक्सपर्ट उन्हें उन ख्वाबों को पूरा करने का सब्जबाग दिखा 16800 रुपये वसूलकर कथित नेटवर्किंग कंपनी से जोड़ रहे हैं। हल्द्वानी के साथ ही कुमाऊं भर के सैकड़ों किशोर-युवा अब तक इस नेटवर्किंग कंपनी से जुड़कर परिवार वालों की गाड़ी कमाई लुटा चुके हैं।

ऑनलाइन कंप्यूटर सिखाने का दिया जा रहा झांसा

ईबीज कंपनी में ऑनलाइन कंप्यूटर सिखाने का दावा किया जाता है। हालांकि किसी को भी कंप्यूटर नहीं सिखाया जाता। कंपनी से जुड़ते ही नए शिकार यानी नए 'किशोर-युवाओंÓ को ढूंढकर लाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। नए शिकार ढूंढने का टारगेट पूरा करने पर एक साल बाद बिना प्रशिक्षण ऑनलाइन कंप्यूटर का सार्टिफिकेट देने का झांसा दिया जाता है। हालांकि 18 साल पूरे करने वाले युवक-युवती को ही कंपनी से जोडऩे का दावा होता है, लेकिन कम उम्र वालों से घर के किसी अन्य सदस्य के नाम से आइडी बनाने का प्रलोभन दे रहे हैं।

सेमिनार में भी 50 से 100 रुपये का प्रवेश शुल्क

सेमिनार में प्रवेश का भी शुल्क लिया जाता है। यह शुल्क 50 से 100 रुपये तक ही होता है। केवल शुल्क देने वाले को ही सेमिनार में प्रवेश दिया जाता है। यही नहीं सेमिनार में ही टीन एजर्स को मोहित कर बयाने की रकम ले ली जा रही है। जिससे उसका ध्यान नहीं बंटे और जाल में फंस जाएं।

रामपुर रोड के होटल पर पुलिस का छापा

एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी को नेटवर्किंग कंपनी ईबीज में टीन एजर्स के साथ धोखाधड़ी की शिकायत मिली है। एसएसपी के निर्देश पर रविवार को रामपुर रोड स्थित एक होटल में छापा मारा गया। बताया जा रहा है कि इसी होटल में अक्सर कंपनी का सेमिनार होता है। चौकी प्रभारी अजेंद्र प्रसाद ने बताया कि होटल में एक अन्य कार्यक्रम होने के कारण कंपनी का सेमिनार नहीं था। हालांकि यहां अक्सर रविवार को सेमिनार होने की जानकारी मिली है।

अल्मोड़ा में भी पुलिस ने पकड़े थे ईबीज के सदस्य

कुछ महीने पहले अल्मोड़ा में भी ईबीज में रुपये लगाकर छात्रों को जोड़कर ठगने की शिकायत पर अल्मोड़ा जिले की पुलिस ने 10 छात्र-छात्राओं को पकड़ा था। ये स्टूडेंट्स पार्क में बैठकर सेमिनार कर रहे थे। ऑनलाइन कंप्यूटर सिखाने के नाम पर इनसे 16800 रुपये वसूले जा रहे थे। इस पर पुलिस सभी को थाने लाई और परिजनों को बुलाया गया। हालांकि किसी भी परिजन की ओर से लिखित शिकायत नहीं देने पर सभी छात्र-छात्राओं को हिदायत देकर छोड़ा गया।

पार्क व अकेले रहने वाले बनते हैं टारगेट

कंपनी से जुड़े युवक-युवतियां अक्सर पार्कों में घूमते रहते हैं। यहां अकेले बैठे छात्र-छात्राएं इनका टारगेट बनते हैं। सबसे पहले इनसे दोस्ती का हाथ बढ़ाया जाता है। खासकर युवतियां शिकार ढूंढने का काम करती हैं। दोस्त बनाने के बाद टारगेट की कमजोरियां भांपी जाती हैं। फिर इन कमजोरियों से उबारकर अमीर बनाने के स्वप्न दिखाए जाते हैं। ये युवतियां मास्टरमाइंड के पास ले जाती हैं। यहां टारगेट के फंसने की संभावना लगभग पूरी हो जाती है।

घरवालों से बगावत के लिए उतारू टीन एजर्स

धोखेबाजों के जाल में फंसे टीन एजर्स घरवालों के विरोध करने पर बगावत पर उतारू हो जा रहे हैं। टीन एजर्स घरवालों को अपना दुश्मन समझने के साथ ही शातिरों को ही अपना सबसे अधिक हितैषी मानने लगते हैं। अधिकांश टीन एजर्स घरवालों के मना करने पर घर में चोरी या दूसरे बहानों से रुपये मांगने लगते हैं।

गाेपनीयता से कराई जाएगी मामले की जांच

जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी, एसएसपी, नैनीताल ने कहा कि ऑनलाइन नेटवर्किंग कंपनी ईबीज से जुड़कर टीन एजर्स को ठगने की शिकायत मिली है। ऐसे गिरोह का पता लगाने के लिए गोपनीय जांच के आदेश दिए गए हैं। रविवार को सेमिनार होने की सूचना पर एक होटल में छापेमारी की गई। यदि किसी पीडि़त या परिजन की ओर से शिकायत आई तो आरोपितों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।

इस घटनाओं पर करें गौर

केस-1

शहर की अमरावती कॉलोनी में रहने वाला एक किशोर पढ़ाई में कमजोर होने के साथ ही मिलनसार नहीं है। वह अक्सर शाम को डिग्री कॉलेज के पास पार्क में अकेले बैठा रहता था। नेटवर्किंग कंपनी से जुड़ी युवती ने इसे अपना टारगेट बना लिया। घरवालों के रुपये नहीं देने पर वह बगावती तेवर अपनाने लगा है। झूठ बोलकर रुपये मांगकर वह नेटवर्किंग कंपनी की युवतियों की डिमांड पूरी करता है।

केस - 2

ओखलकांडा ब्लॉक के दूरस्थ गांव में रहने वाला किशोर 12वीं तक पढ़ाई में काफी अव्वल रहा। आगे की पढ़ाई के लिए वह हल्द्वानी आ गया। यहां वह नेटवर्किंग कंपनी के जाल में फंस गया। उसके तीन छोटे भाई-बहन कामधाम करने लगे हैं। जबकि वह अब भी नेटवर्किंग गिरोह के चुंगल से बाहर नहीं आ रहा है। किशोर ने मां-बाप की सालों मेहनत कर जोड़ा धन भी बर्बाद कर दिया है।

केस - 3

ओखलकांडा का ही एक युवक एक प्राइवेट कंपनी से इंजीनियङ्क्षरग कर रहा है। उसे एक दोस्त नेटवर्किंग कंपनी के सेमीनार में ले गया। गिरोह की बातों से मोहित होकर वह 16800 रुपये देकर कंपनी से जुड़ गया। कुछ समय बाद ही उसे ठगी का अहसास हुआ। उसने दोस्तों व गिरोह के सदस्यों पर कानूनी कार्रवाई करने का दबाव बनाया तो रुपये लौटा दिए गए।

केस - 4

नवाबी रोड में रहने वाली ये युवती पंतनगर में रहकर पढ़ाई करती है। वह काफी समय से कंपनी से जुड़ी है। नवीं में पढऩे वाली उसकी छोटी बहन भी गिरोह में शामिल हो चुकी है। ये युवतियां पार्कों व कालेज में घूमकर टारगेट ढूंढती है। टारगेट से दोस्ती करने के बाद ये युवतियां उसे रुपयों की डिमांड करने लगती हैं। अब तक दर्जनों युवकों से युवतियां लूट-खसोट कर चुकी हैं।

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