डेंगू का डंक : बीमारी से ज्यादा इलाज की टेंशन, अस्पतालों में पैर रखने की भी जगह नहीं NAINITAL NEWS
एसटीएच और बेस अस्पताल में सुबह पर्ची बनाने और इमरजेंसी से लेकर वार्डों में जगह मिलना मुश्किल हो गया।
हल्द्वानी, जेएनएन : डेंगू व वायरल फीवर से ज्यादा डर अब इलाज को लेकर लगने लगा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अस्पतालों में पांव रखने की भी जगह नहीं है। एसटीएच और बेस अस्पताल में सुबह पर्ची बनाने और इमरजेंसी से लेकर वार्डों में जगह मिलना मुश्किल हो गया। निजी अस्पतालों का भी यही हाल होने से इलाज को लेकर मरीजों की टेंशन बढ़ गई है। हालात यह है कि सामान्य बुखार के ही दोनों अस्पतालों में 210 से अधिक मरीज सिर्फ ओपीडी में ही पहुंचे। बुधवार को जारी की गई एलाइजा जांच रिपोर्ट में 87 नए मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
निजी अस्पताल में केवल एक मरीज भर्ती
स्वास्थ्य विभाग ने सूचना दी है कि बुधवार को शहर के निजी चिकित्सालय में केवल एक डेंगू मरीज भर्ती है। जबकि शहर में अस्पताल व क्लीनिकों की संख्या 50 से अधिक है। जहां मरीजों की लंबी कतार लगी है। बेस में 25 व एसटीएच में 27 मरीज भर्ती थे।
मरीज किन क्षेत्रों के हैं, नहीं दी जा रही सूचना
स्वास्थ्य विभाग मरीजों से लेकर जागरूकता अभियान चलाने के आंकड़े जारी कर रहा है, लेकिन डेंगू से ग्रस्त मरीज किन क्षेत्रों के हैं। इसकी सूचनाएं छिपाई जा रही हैं। उन क्षेत्रों में टीम पहुंच रही है या नहीं, इसका भी पता नहीं चल पा रहा है। इससे भी लोग भ्रम की स्थिति में हैं।
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