टिहरी बांध एनटीपीसी को देने का मामला हाई कोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने इनसे मांगा जवाब nainital news
हाई कोर्ट ने टिहरी गढ़वाल के जिले में टिहरी बांध के (टीएचडीसी) प्रबंधन व कंट्रोलर विभाग को एनटीपीसी को देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर जनहित पर सुनवाई की।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने टिहरी गढ़वाल के जिले में टिहरी बांध के (टीएचडीसी) प्रबंधन व कंट्रोलर विभाग को नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी) को देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, उत्तराखंड सरकार व टीएचडीसी को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
भूपेंद्र सिंह बिष्ट व अन्य ने दायर की है जनहित याचिका
गुरुवार को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में टिहरी गढ़वाल निवासी भूपेंद्र सिंह बिष्ट व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि 12 दिसंबर को केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर टीएचडीसी के संचालन व प्रबंधन का दायित्व एनटीपीसी को दे दिया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि एनटीपीसी थर्मल पावर से संबंधित है जबकि टीएचडीसी हाईड्रोपावर से संबंधित। याचिका में यह भी कहा गया है कि यदि भविष्य में कोई घटना घटित होती है तो एनटीपीसी उसको सुलझाने में नाकाम रहेगी, इससे राज्य को बड़ा खतरा हो सकता है।
यह उठाया जा रहा है याचिका में सवाल
एनटीपीसी को इस क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव नहीं है। केंद्र सरकार की यह नीति गलत है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार टीएचडीसी लगातार लाभ कमा रही है, ऐसी स्थिति में कंपनी को दूसरे को सौंपना गंभीर सवाल खड़े करता है। जो खतरा लगातार टिहरी के गांव के इलाकों में हो रहा है, उसका समाधान भी केंद्र सरकार नहीं कर रही है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सरकार व टीएचडीसी को नोटिस जारी किया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।