Move to Jagran APP

Martyr Chandrashekhar Harbola: बेटियों ने ताबूत में रखे पिता के चरण चूमे, पत्नी ने झुकाया शीश

हल्द्वानी शहर सियाचिन में शहीद हुए वीर चंद्रशेखर हर्बोला को अंतिम विदाई को उमड़ पड़ा। अंतिम संस्कार चित्रशिला घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। पति के वियोग में शांति देवी के मुख से एक शब्द नहीं निकला। दोनों बेटियां रोती रह गईं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 10:55 PM (IST)
Martyr Chandrashekhar Harbola: बेटियों ने ताबूत में रखे पिता के चरण चूमे, पत्नी ने झुकाया शीश
पत्नी ने ताबूत में बंद पति के चरणों में 38 साल बाद शीश झुकाया और फिर बेटियों ने चरण चूमे

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी: Martyr Chandrashekhar Harbola अपने को ताबूत में देख भला ये भावनाएं कैसे काबू में रहती। एकटक तो बेटियां व पत्नी ताबूत को निहारती रहीं।

loksabha election banner

पत्नी ने ताबूत में बंद पति के चरणों में 38 साल बाद शीश झुकाया और फिर बेटियों ने चरण चूमे तो हर किसी की आंखें भर आई।

बलिदानी चंद्रशेखर हर्बोला की बेटी कविता व बबीता रोते-रोते कहने लगी, आप कहां चले गए थे। इतनी कम उम्र में छोड़कर चले गए। कभी सोचा नहीं कि हमारी परवरिश मां अकेले कैसे करेगी।

38 साल बाद आया पार्थिव शरीर

सरस्वती विहार धानमिल निवासी बलिदानी चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर के इंतजार में स्वजन सुबह से घर के बाहर खड़े रहे। दोपहर एक बजे उनका पार्थिव शरीर घर आया। गेट पर ताबूत पहुंचते ही बलिदानी की पत्नी शांति देवी, बेटी कविता व बबीता की आंखें भर आई।

पति के ताबूत के पास दीया जलाकर रखने के बाद शांति देवी ने शीश झुकाया। दो मिनट तक वह पति के चरणों में शीश झुकाकर रोती रही।

पति के वियोग में शांति देवी के मुख से एक शब्द नहीं निकला, लेकिन उनके आंखों से छलक रहे आंसू बता रहे थे कि पति के 38 साल बाद मिलने का दुख कितना है। 

पापा हमें आपनी बहुत याद आती है

बेटी कविता व बबीता ने पिता के चरण को चूमकर नमन किया। बड़ी बेटी कविता व छोटी बेटी बबिता ने ताबूत में रखे पिता के सामने रोते हुए कहा पापा हमें आपनी बहुत याद आती थी।

18 साल की नातिनों ने भी अपने नानाजी को ताबूत के अंदर देखा। जब इनके नाना लापता हुए थे। इनकी मां की उम्र साढे चार व ढाई साल की थी। बेटी व पत्नी के भावुक होने से घर का माहौल गमगीन हो गया।

ताबूत के पास बैठकर रोती रही शांति

शांति देवी ने बलिदानी पति को सबसे पहले श्रद्धांजलि दी। वह ताबूत के पास हाथ जोड़कर रोती रही। पार्थिव शरीर को ताबूत में बंद देखकर उनका दम और घुट रहा था। उन्हें एहसास हो रहा था कि मानों पति को ताबूत के अंदर परेशानी हो रही हो।

सीएम ने बलिदानी के सम्मान में उतारी टोपी

सीएम पुष्कर सिंह धामी, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी व मंत्री रेखा आर्या तीनों कुमाउंनी टोपी पहनकर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे। सीएम ने श्रद्धांजलि अर्पित करते समय टोपी उतरकर ताबूत के सामने रख दी। शीश झुकाने के बाद दोबारा टोपी पहनी।

38 साल बाद पार्थिव शरीर आया, पर नहीं देख पाए स्वजन

38 साल बाद बलिदानी चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर को स्वजन नहीं देख पाए। उन्हें इस बात का मलाल है कि मुंह नहीं देख सके। स्वजनों व कई लोगों को इस बात की उत्सुकता थी कि 38 साल बाद मिले बलिदानी का पार्थिव शरीर किस हालत में होगा।

सैन्य अधिकारियों के अनुसार पार्थिव शरीर को लेह से ही ताबूत में बंद कर भेजा था। ताबूत में बंद जो पार्थिव शरीर देखने की स्थिति में नहीं रहता उसे ताबूत से बाहर नहीं निकाला जाता है।

हयात और दयाकिशन की वीरांगना सीएम से मिलीं

1984 के आपरेशन मेघदूत में बलिदान हुए हयात सिंह की वीरांगना बची देवी व दयाकिशन जोशी की वीरांगना विमला देवी सीएम पुष्कर सिंह धामी व सैनिक कल्याण मंत्री गणेशी जोशी से मिले। दोनों ने बताया कि उनके पति भी चंद्रशेखर के साथ बलिदान हो गए थे।

दोनों के बलिदान होने की सूचना व पार्थिव शरीर मिलने की सूचना आई थी, लेकिन उन्हें पार्थिव शरीर दिखाए नहीं। ऐसे में उन्हें पति के लापता होने का अंदेशा है। सीएम ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में सैन्य अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।

यह भी पढ़ें :

तस्वीरों में देखिए, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद चंद्रशेखर हर्बोला, उत्तराखंड के लाल को विदा करते सभी की आंखें नम

तस्वीरों में देखिए, 38 साल बाद शहीद चंद्रशेखर का घर पहुंचा पार्थिव शरीर, सीएम धामी ने की यह बड़ी घोषणा

ऐन वक्त पर कुंवर की जगह हर्बोला को भेजा गया था दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य ऑपरेशन पर

बेटियां पूछतीं कब आएंगे पापा, मां हर बार कहती 15 अगस्त पर

Operation Meghdoot के बलिदानी हल्‍द्वानी न‍िवासी चन्‍द्रशेखर हरबोला का 38 साल बाद पार्थिव शरीर सियाचीन में बरामद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.