तस्वीरों में देखिए, पंचतत्व में विलीन हुए शहीद चंद्रशेखर हर्बोला, उत्तराखंड के लाल को विदा करते सभी की आंखें नम
Shaheed Chandrashekhar Funeral बुधवार दोपहर को हल्द्वानी शहर सियाचिन में शहीद हुए वीर चंद्रशेखर हर्बोला को अंतिम विदाई को उमड़ पड़ा। चित्रशिला घाट तक उनके अंतिम दर्शन व विदाई को लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम संस्कार चित्रशिला घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Shaheed Chandrashekhar Funeral विश्व के सबसे ऊंचे सैन्य अभियान ऑपरेशन मेघदूत के दौरान सियाचिन में शहीद हुए चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके आवास हल्द्वानी पहुंचा। यहां पर सीएम, तमाम राजनेताओं समेत भारी भीड़ ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी।
रानीबाग में अंतिम संस्कार
घर से रानीबाग के चित्रशिला घाट तक उनके अंतिम दर्शन व विदाई को लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया।
बेटियों ने दी मुखाग्नि
वीर शहीद चंद्रशेखर हर्बोला के पार्थिव शरीर को उनकी दोनों बेटियों ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, अंतिम संस्कार के दौरान प्रशासन के साथ में सेना के अफसर मौजूद रहे।
सीएम सहित तमाम अधिकारी नेता रहे मौजूद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्य, सैनिक कल्याण गणेश जोशी, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, डीएम नैनीताल धीराज गर्भयाल, एसएसपी पंकज भट्ट, एसडीएम मनीष कुमार समेत क्षेत्र के लोगों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके बलिदान को याद किया।
सीएम ने दी श्रद्धांजलि
इससे पूर्व शहीद चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव देह उनके आवास पर पहुंचने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रेखा आर्य ने श्रद्धांजलि दी।
सीएम ने कहा कि ऑपरेशन मेघदूत में बलिदान हुए चन्द्रशेखर हर्बोला को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। उनकी स्मृति को हमेशा यादों में जिंदा रखने के लिए शहीद धाम में तस्वीर लगाई जाएगी। उन्होंने कहा चंद्रशेखर के बलिदान पर उत्तराखंड ही नहीं पूरा देश गर्व करता है।
गांव तक सड़क बनाने की मांग
बलिदानी के भतीजे राजेंद्र हर्बोला ने सीएम धामी से बलिदानी के मूल निवास बेंती से गांव तक सड़क बनाने की मांग की। इस पर सीएम के जल्द मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। करीब 15 मिनट दर्शन के बाद वह कोटद्वार के लिए रवाना हो गए।
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