भारत की सैन्य ताकत के आगे दुनिया झुकी, लेकिन अमेरिका नहीं चाहता पाक में बिखराव; रक्षा विशेषज्ञों ने चेताया
India Pakistan Ceasefire भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति के सीजफायर के बयान पर रक्षा विशेषज्ञ हैरान नहीं हैं। उनका कहना है कि भारत ने सीमा पार आतंकी अड्डों पर हमला करके स्पष्ट संदेश दिया। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब है और वह आतंकवाद को बढ़ावा देता है। भारत को सीमा पर सतर्क रहने की आवश्यकता है।

किशोर जोशी, नैनीताल। India Pakistan Ceasefire: भारत-पाक तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार होने से संबंधित बयान पर रक्षा विशेषज्ञ हैरान नहीं हैं।
उनका कहना है कि कूटनीतिक स्तर पर दोनों देशों के शीर्ष राजनयिकों का संपर्क बना था और अमेरिका और सउदी अरब ने पाकिस्तान को पीछे हटने को मजबूर किया जबकि भारत ने सीमा पार आतंकी अड्डों पर हमला कर बताया कि आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।
भारत को अभी भी सचेत रहने की जरूरत
भारत को अभी भी सीमा पर सुरक्षा को लेकर सचेत रहना चाहिए, पाकिस्तान सांप की तरह है, उसका कोई स्थायी उपचार नहीं है।
रक्षा विशेषज्ञ व सेवानिवृत्त लेफ्टीनेंट जनरल मोहन चंद्र भंडारी ने पाकिस्तान की आतंक परस्ती की राष्ट्रीय नीति रही है। 20 अक्टूबर 1047 को कबाइली वेष में पाकिस्तानी जम्मू कश्मीर के श्रीनगर तक पहुंच गए थे। 1965 में तत्कालीन पाकिस्तानी जनरल अयूब खान ने आतंकी भेजे तो हजारों आतंकियों को भारतीय सेना ने आपरेशन जिब्राल्टर के अंतर्गत मार भगाया।
रक्षा विशेषज्ञ व सेवानिवृत्त लेफ्टीनेंट जनरल मोहन चंद्र भंडारी।
1988-89 में पाकिस्तानी आतंकियों ने देश के गृह मंत्री रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी का अपहरण किया। यही नहीं आतंकी श्रीनगर में हजरत बल में घुस गए थे। यहीं से कश्मीर में आतंकवाद ने पांव पसारे। कारगिल संघर्श में डिप्टी डायरेक्टर जनरल मिलट्री आपरेशन रहे ले. जनरल भंडारी के अनुसार 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल में आतंकियों की घुसपैठ कराई तो भारत ने इस जंग में भी जीत हासिल की और अपने सीमा की हिफाजत की।
हर बार मुंहकी खाने के बाद भी पाकिस्तान की आतंक समर्थक नीति चलती रही जबकि पाकिस्तान जानता है कि वह भारत से परंपरागत युद्ध नहीं कर सकता। अब पिछले एक दशक में भारत ने सुरक्षा मोर्चे पर बढ़त हासिल की है। आज भारत महाशक्ति के तौर पर उभरा है।
भारत की वैश्वक मंचों पर धमक है। जबकि पाकिस्तान कंगाल मुल्क है। वहां आर्थिक हालात बेहद खराब हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से उधार लेकर धक्का परेड गाड़ी चल रही है। पाकिस्तान को इस बार अंदाज नहीं था कि भारत लाहौर तक भी आतंकी ठिकानों पर हमला कर सकता है। उन्होंने कहा कि कारगिल जंग के दौरान तत्कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के पास भारत को रोकने के लिए गए थे।
सांप मर जाएगा, सांपों को कैसे मारेंगे
नैनीताल: लेफ्टिनेंट जनरल भंडारी के अनुसार आतंकवाद पाकिस्तान की राष्ट्रीय नीति का अहम हिस्सा है। एक दो सांप को तो मारा जा सकता है, सांपों की फेक्ट्री को कैसे मारा जा सकता है, इसलिए पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा नहीं देगा, यह किसी भी हाल में भरोसे लायक तथ्य नहीं है। उन्होंने कहा कि युद्ध हुआ तो पाकिस्तान पूरी तरह बिखर जाएगा, जो अमेरिका नहीं चाहता है।
पाकिस्तान का विघटन अमेरिका को मंजूर नहीं है। पाकिस्तान में बलूचिस्तान से लेकर सिंध व खैबर पख्तूनख्वा में बड़ी आबादी आजादी के लिए उठ खड़ी हुई है, इन परिस्थितियों में पाकिस्तान के सामने भारत के साथ युद्ध विराम के अलावा कोई चारा नहीं था लेकिन भारत को अभी भी सीमा से सैन्य जमावड़ा कम करने में सतर्कता बरतनी होगी, क्योंकि पाकिस्तान का कोई भरोसा नहीं है।
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