Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    DoctorsDay : यहां सप्‍ताह में एक दिन संयुक्‍त मजिस्‍ट्रेट करते हैं गर्भवती महिलाओं का अल्‍ट्रासाउंड

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 01 Jul 2019 09:11 AM (IST)

    पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में बतौर संयुक्‍त मजिस्‍ट्रेट तैनात डॉ. सौरभ गहरवार क्षेत्र के लोगों के लिए ईश्‍वर की तरह हैं। वे सप्‍ताह में एक सीएचसी पर अल्‍ट्रासाउंड भी करते हैं।

    DoctorsDay : यहां सप्‍ताह में एक दिन संयुक्‍त मजिस्‍ट्रेट करते हैं गर्भवती महिलाओं का अल्‍ट्रासाउंड

    गंगोलीहाट (पिथौरागढ़), स्‍कंद शुक्‍ल : पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में तैनात डॉ. सौरभ गहरवार क्षेत्र के लोगों के लिए ईश्‍वर की तरह हैं। ऐसे में जब अचानक से उनके तबादले का आदेश जारी हो गया तो जनभावनाओं का भड़कना स्‍वाभाविक लगता है। फिर शुरू होता है विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला। जिसमें महिलाओं से लेकर पुरुष तक बड़ी तादाद में हिस्‍सा लेते हैं। इसका असर इतना व्‍यापक हो जाता है कि शासन को अपना निर्णय बदल कर तबादले का आदेश स्‍थगित करना पड़ता है। तो चलिए आपको बताते हैं डॉ. सौरभ गहरवार के बारे में। क्‍यों वो क्षेत्र के लोगों के दिलों में बसते हैं।
    2016 बैच के आइएएस ऑफिसर और पूर्व एमबीबीएस डॉ. सौरभ गहरवार की नियुक्ति अक्तूबर 2018 में पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट क्षेत्र में बतौर संयुक्‍त मजिस्‍ट्रेट हुई। यहां पर सेवाएं देने के दौरान उन्‍हें पता चला कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 13 साल से अल्‍ट्रासाउंड ही नहीं हो रहा है, जबकि लाखों की मशीन पड़ी-पड़ी जंग खा रही है। प्रसूता महिलाओं को अल्‍ट्रासाउंड कराने के लिए कई किलोमीटर दूर जिला मुख्‍यालय जाना पड़ता था। सीएचसी पर सुविधा होने के बावजूद ऐसी अवस्‍था में सिर्फ अल्‍ट्रासाउंड के लिए इतना लंबा सफर करना महिलाओं के लिए असह्य हो गया था। डॉ. गहरवार ने जब पूछताछ की तब पता चला कि सालों से कोई रेडियोलॉजिस्‍ट न होने के कारण मशीन जंग खा रही है। ऐसे में उन्‍होंने इसके लिए खुद प्रयास शुरू किया। शासन से स्‍वीकृति लेकर बंद मशीन को सालों बाद खोला गया और अल्‍ट्रासाउंड करने का बीड़ा उठाया खुद डॉ. सौरभ गहरवार ने। सप्‍ताह में रविवार का दिन उन्‍होंने इस काम के लिए चुना। नतीजा निर्धारित दिन को सैकड़ों की तादाद में अल्‍ट्रासाउंड कराने के लिए गर्भवती महिलाएं व सामान्‍य मरीज सीएचसी पहुचंने लगे। डॉ. गहरवार के इस प्रयास से क्षेत्र के लोगों को काफी राहत मिली। डॉ. गहरवार तीन माह में अभी तक 600 से अधिक गर्भवती महिलाओं व सामान्य मरीजों के अल्ट्रासाउंड कर चुके हैं।  

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तबादले का आदेश पर भड़के लोग 
    कुछ दिनों पहले शासन से डॉ. गहरवार का स्थानांतरण चमोली करने का आदेश जारी हो गया। उनके स्थानांतरण की खबर सुनकर क्षेत्र की जनता में भारी आक्रोश फैल गया। क्षेत्रवासी स्‍थानांतरण का विरोध करने लगे। लोगों का कहना था कि पहले तो शासन ने आम लोगों की सुध नहीं ली और जबकि संयुक्‍त मजिस्‍ट्रेट क्षेत्र के लोगों की पीड़ा समझकर और प्रशासनिक कार्यों से समय निकालकर खुद जनहित के कार्य कर रहे हैं तो शासन को उसे भी नहीं देख जा रहा है। स्‍थानांतरण आदेश के तहत विगत रविवार को डॉ. गहरवार ने 41 गर्भवती और दो सामान्य मरीजों के अल्ट्रासाउंड किए। इस दौरान सीएचसी पहुंची महिलाएं काफी भावुक दिखीं। वहीं शासन ने जनभावनाओं और उनकी सेवाओं को देखते हुए डॉ. गहरवार के स्‍थानांतरण का आदेश निरस्‍त कर दिया। जिसके बाद से क्षेत्र के लोगों के खुशी की लहर है।  

    उत्‍तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं डॉ. सौरव 
    जौनपुर यूपी मूल के सौरभ ने यहां घोड़ाखाल स्कूल से पढ़ाई की। 2002 में यहां से पासआउट करने के बाद एक बार फिर उन्‍हें प्रदेश में सेवा देने का अवसर मिला। 2016 बैच के आईएएस डॉ.सौरभ का कहना है कि उनका सौभाग्य है कि उन्हें देवभूमि में कार्य करने का मौका मिला। वह पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। उनकी पत्नी देहरादून में डॉक्टर हैं। 

    पहाड़ में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का बुरा हाल 
    पहाड़ के दूर-दराज इलाके में चिकित्‍सकों की भारी कमी है। लोगों को उपचार के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं। इस मसले को लेकर सरकार भी लाचार नजर आती है। कारण डॉक्‍टर तमाम प्रलोभन देने के बावजूद पहाड़ पर सेवाएं नहीं देना चाहते हैं। चिकित्‍सकों को दूर दराज क्षेत्रों में सेवाएं देने के लिए प्रलोभन दिए जाते रहे। यहां तक की प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने वालों को फीस में काफी रियायत दी गई और बांड भराया गया कि वे पहाड़ के दूर दराज इलाकों में निर्धारित समय तक सेवाएं देंगे। फिर भी पहाड़ पर स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यावस्‍था नहीं सुधरी। कारण डॉक्‍टरों ने बांड तोड़ दिया और पहाड़ में सेवाएं देने से इन्‍कार कर दिया।  

    यह भी पढ़ें : दस वर्षों में तेजी से गांव खाली हुए पहाड़ के गांव, उत्‍तराखंड में 12 लाख लोगों ने किया पलायन

    यह भी पढ़ें : अनिल बलूनी ने मुख्यमंत्री को बदलने की चर्चाओं पर कही ये बड़ी बात, जानिए