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विकास कार्यों के लिए बजट का रोना रोने वाले माननीय नहीं खर्च पाए 28 फीसद विधायक निधि

विकास के लिए माननीय पहले बजट का रोना रोते हैं। बजट उपलब्ध होने पर खर्च करने में कंजूसी करते हैं। विधायक निधि में 266.25 करोड़ रुपये मेें माननीयों ने सिर्फ 70 फीसद ही खर्च सकें।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Mar 2019 06:49 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 06:49 PM (IST)
विकास कार्यों के लिए बजट का रोना रोने वाले माननीय नहीं खर्च पाए 28 फीसद विधायक निधि
विकास कार्यों के लिए बजट का रोना रोने वाले माननीय नहीं खर्च पाए 28 फीसद विधायक निधि

काशीपुर, जेएनएन : विकास के लिए माननीय पहले बजट का रोना रोते हैं। बजट उपलब्ध होने पर खर्च करने में कंजूसी करते हैं। विधायक निधि में 266.25 करोड़ रुपये मेें माननीयों ने सिर्फ 70 फीसद ही खर्च सकें। यह तथ्य सूचना का अधिकार में सामने आया है।

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काशीपुर निवासी आरटीआइ कार्यकर्ता व वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन नेे सूचना का अधिकार में राज्य के ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय सेे विधायक निधि खर्च संबंधी सूचना मांगी। कार्यालय की ओर वर्ष 2017-18 की सूचना दिसंबर 2018 तक सूचना उपलब्ध कराई गई। प्रत्येक विधायक को प्रतिवर्ष 375 लाख रुपये दिए जाते हैं। इस हिसाब से राज्य के 71 विधायकों को 26625 लाख रुपये दिसंबर 2018 तक दिए गए। जनवरी 2019 केे शुरु में 7355.98 लाख रुपये खर्च नहीं हो पाए। ऐेसे में विकास कार्यों में तेजी कैसे आएगी। वर्ष 2017 की तुुलना मेें वर्ष 2018 मेें विधायक निधि खर्च में काफी सुधार हुआ है। दिसंबर 2017 में उपलब्ध 195.25 करोड़ में केवल 12 फीसद यानि 23.29 करोड़ खर्च हुए थे। दिसंबर 2017 तक उत्तरकाशी जिलेे के विधायकों की 29 फीसद खर्च बढ़कर दिसंबर  2018 में 67 फीसद हो गया। टिहरी के विधायकों का नौ फीसद से बढ़कर 69 फीसद, देेहरादून के विधायकों का 34 फीसद से बढ़कर 85 फीसद, हरिद्वार के विधायकों का नौ फीसद से बढ़कर 82 फीसद, पौड़ी के विधायकों का छह फीसद सेे बढ़कर 64 फीसद हो गया था। रुद्रप्रयाग के विधायकों की कोई धनराशि दिसंबर 2017 तक खर्च नहीं हुई थी। जबकि दिसंबर 2018 तक 46 फीसद खर्च हो चुका है। चमोली के विधायकों का तीन फीसद से बढ़कर 54 फीसद, बागेश्वर के विधायकों का 18 फीसद से बढ़कर, 97 फीसद, अल्मोड़ा के विधायकों का दो फीसद से बढ़कर 58 फीसद, नैैैनीताल के विधायकों का पांच फीसद से बढ़कर 69 फीसद, उधमङ्क्षसह नगर के विधायकों का पांच फीसद से बढ़कर 77 फीसद, चम्पावत के विधायकों का 19 फीसद से बढ़कर 98 फीसद और पिथौरागढ़ के विधायकों का दिसंबर 2017 तक हुए खर्च चार फीसद बढ़कर दिसंबर 2018त क 48 फीसद हो गया। दिसंबर 2017 तक 21 विधायकों का निधि में एक धेला खर्च नहीं हो पाया था। जो इस बार दिसंबर 2018 तक 10 फीसद खर्च हुआ है।

50 फीसद से कर्म खर्च करने वाले विधायक

11 विधायकों की आधी निधि भी खर्च नहीं हो सकी। सबसे कम खर्च करने वाले केदारनाथ के विधायक मनोज रावत है, जिन्होंने सिर्फ 10 फीसद खर्च कर पाए गए हैं। 17 फीसद खर्च वाले श्रीनगर विधायक धन सिंह रावत, 28 फीसद धारचूला विधायक हरीश चंद्र धामी, 41 फीसद नेता प्रतिपक्ष हल्द्वानी विधायक इंदिरा हृदयेेश, 43 फीसद पूर्व विधान सभा अध्यक्ष जागेेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, चकराता विधायक प्रीतम सिंह, 47 फीसद रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत, 48 फीसद कैबिनेटमंत्री व पिथौरागढ़  विधायक प्रकाश पंत, द्वाराहाट विधायक महेेश नेगी, 49 फीसद रानीखेेत विधायक करन मेहरा ने खर्च किए हैं।

90 फीसद से अधिक खर्च करने वाले विधायक

13 विधायकों ने  90 फीसद से अधिक खर्च कर चुके हैं। इसमें सर्वाधिक 99 फीसद कपकोट विधायक बलवंत ङ्क्षसह, 98 फीसद चम्पावत विधायक कैैलाश गहतोड़ी व लोहाघाट विधायक पूरन हसं फर्त्‍याल, 97 फीसद नामित विधायक जीआइजी. मैमन, मसूरी विधायक गणेेश जोशी तथा राजपुर विधायक खजान दान, 96 फीसद बागेश्वर विधायक चंदन राम दास, तथा सहसपुुर विधायक सहदेव पुंडीर, 95 फीसद लक्सर विधायक संजय गुप्ता, 94 फीसद मुख्यमंत्री व डोईवाला विधायक त्रिवेेंद्र ङ्क्षसह रावत, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली, 92 फीसद देेहरादून विधायक हरवंश कपूर व 91 फीसद कुंवर प्रणव चैंपियन शामिल हैै।

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