प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूलों के विलय के पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक nainital news
स्कूलों के विलय के मामले में हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए है ।
नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्राथमिक विद्यालय और जूनियर हाईस्कूलों के विलय के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में जिलाधिकारी उधमसिंह नगर के आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए है ।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हल्द्वानी निवासी गणेश उपाध्याय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। उनका कहना था शिक्षा विभाग विभाग उत्तराखण्ड ने शासनादेश जारी करते हुए कहा कि जनपद में चार किमी तक की परिधि के बेसिक विद्यालयों का माध्यमिक विद्यालयों में विलय की व्यवस्था की जा रही है, जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धाराओं का खुला उल्लंघन है। जबकि भारत सरकार द्वारा पारित अधिनियम में प्रावधान है कि बच्चे के निवास से एक किमी की दूरी पर प्राथमिक विद्यालय तथा 3 किमी की दूरी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय होना चाहिए ।
पूर्ववर्ती सरकारों ने भी इसी का आधार मानकर विद्यालय खोले थे। लेकिन इन विद्यालयों की निर्वाचित प्रबन्धन समितियों को बिना किसी आदेश के अस्तित्व विहीन किया जा रहा है। केवल उधम सिंह नगर के 1100 विद्यालयों में से 398 विद्यालयों को बंद कर उनका विलयीकरण मॉडल स्कूलों में करना सरकार की सोची समझी साजिश है।याचिकर्ता का यह भी कहना है कि इन प्रत्येक स्कूलों में बच्चों की संख्या सौ से अधिक है अगर विलयीकरण किया हो जाता है तो बच्चों को अपने घरों से कई किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए जाना पड़ सकता है ।
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