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हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण का मामला फिर से सरकार के पाले में डाला nainital news

हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मामले में सरकार को चार माह के भीतर एससी-एसटी व सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का डेटा तैयार कर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 09:22 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:22 AM (IST)
हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण का मामला फिर से सरकार के पाले में डाला nainital news
हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण का मामला फिर से सरकार के पाले में डाला nainital news

नैनीताल, जेएनएन : पदोन्नति में आरक्षण का मामला फिर से सरकार के पाले में चला गया है। हाई कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को चार माह के भीतर एससी-एसटी व सामान्य वर्ग के कर्मचारियों का डेटा तैयार कर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

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दरअसल हाई कोर्ट के ज्ञान चंद बनाम सरकार से संबंधित आदेश में साफ कहा गया था कि पदोन्नति में आरक्षण देना ही होगा। इस आदेश को सचिवालय संघ के दीपक जोशी द्वारा याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट के जरनैल सिंह से संबंधित आदेश के अनुसार इसके लिए कर्मचारियों का डेटा कलेक्शन जरूरी नहीं है। जबकि याचिकाकर्ता का कहना था कि इसके लिए डेटा जरूरी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को चार माह में डेटा तैयार कर यह पता लगाने को कहा कि एससी-एसटी का प्रतिनिधित्व सही है या नहीं। कोर्ट ने चार माह के भीतर पदोन्नति मामले में सरकार को निर्णय लेने को कहा है। कोर्ट के फैसले के बाद यह मामला फिर से सरकार के पाले में चला गया है।

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