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पत्नी की हत्या के अधिवक्ता दोषी करार, पत्‍नी से कहा था मेरे साथ रहना है तो दोस्‍त संग भी रहना पड़ेगा

द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश राकेश कुमार की कोर्ट ने महिला की हत्या के हाईप्रोफाइल मामले में अधिवक्ता को दोषी करार दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 02:46 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 11:04 AM (IST)
पत्नी की हत्या के अधिवक्ता दोषी करार, पत्‍नी से कहा था मेरे साथ रहना है तो दोस्‍त संग भी रहना पड़ेगा
पत्नी की हत्या के अधिवक्ता दोषी करार, पत्‍नी से कहा था मेरे साथ रहना है तो दोस्‍त संग भी रहना पड़ेगा

नैनीताल, जेएनएन : द्वितीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने पत्नी की हत्या के मामले में रुड़की निवासी आरोपित अधिवक्ता को दोषी करार दिया है। हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री का दोषी हाई कोर्ट में अधिवक्ता है। कोर्ट के फैसले के बाद उसे जेल भेज दिया गया। सजा का एलान शनिवार 23 नवंबर को होगा।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार 19 मई 2016 को तड़के करीब सवा पांच बजे हाल निवासी वैभरली कम्पाउंड मल्लीताल नैनीताल व मूल निवासी आजाद नगर रुड़की के मनीष अरोड़ा चार-पांच साथियों के साथ अपनी 26 वर्षीय पत्नी पद्मिनी अरोड़ा को लेकर नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल पहुंचे। चिकित्सक ने जांच उपरांत महिला को मृत घोषित कर दिया। जब चिकित्सक शव को मोर्चरी में भेजने लगे तो मनीष अरोड़ा शव को अपने घर रुड़की ले जाने की जिद करने लगे। अस्पताल के वार्ड ब्वॉय व पीआरडी जवान ने समझाते हुए शव मोर्चरी में रखवाने की सलाह दी, मगर उन्होंने हाई कोर्ट का वकील बताकर शव को घर ले जाने का दबाव बनाया और जबरन शव अपनी गाड़ी में रखकर ले गए। जब वह शव को रुड़की में अंतिम संस्कार को ले जा रहे थे तो मायके वालों ने इसकी सूचना हरिद्वार के गंगनहर थाना पुलिस को दी। पुलिस ने तत्काल शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा, मगर बिना हस्ताक्षर वाली पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए परिजनों ने पैनल से पोस्टमार्टम की मांग की। जिसके बाद तीन चिकित्सकों के पैनल ने मृतका के शव का पोस्टमार्टम किया। जिसमें गला दबाकर हत्या की पुष्टिï हुई। जिसके बाद पुलिस द्वारा अधिवक्ता व उसके माता-पिता के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ व हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।

मामले की जांच के उपरांत अधिवक्ता के माता-पिता को आरोप से बरी कर दिया गया जबकि अधिवक्ता के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर की गई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी अनीता जोशी व डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा एक दर्जन से अधिक गवाह पेश किए गए। मंगलवार को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर अधिवक्ता मनीष को धारा 302 व 201 के तहत दोषी करार दिया। अदालत इस मामले में शनिवार 23 नवंबर को सजा सुनाएगी।

पद्मिनी की थी दूसरी शादी

मृतका पद्मिनी की बहन रजनी पत्नी नीरज निवासी प्रगति विहार अधोवाला रायपुर रोड, देहरादून ने कोर्ट में बयान देकर कहा था कि पद्मिनी का पहली शादी से तलाक हो चुका था। वह मनीष को जानती थी और 2015 में मनीष से शादी कर ली। शादी के बाद वह पति के साथ नैनीताल आ गई। रजनी के अनुसार परिवारजन शादी को राजी नहीं थे मगर मनीष के मिन्नत करने पर राजी हुए। एक माह तक सब ठीक-ठाक रहा मगर फिर मनीष व पद्मिनी के बीच झगड़ा होने लगा। जिसकी परिणति उसकी मौत के रूप में सामने आई।

मेरे साथ रहना है तो दोस्त के साथ भी रहना होगा

दस मई 2016 को पद्मिनी ने मल्लीताल कोतवाली में पति मनीष के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसमें कहा था कि नौ मई को पति व उसके दोस्त शराब पीकर घर आए और दोस्त ने अश्लील हरकत शुरू कर दी। जब उसने पति को हरकत के बारे में बताया तो उसने कहा कि यदि मेरे साथ रहना है तो दोस्त के साथ भी रहना पड़ेगा। विरोध करने पर दोस्त ने गालियां देने के साथ ही जान से मारने की धमकी दी।

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