नैनीताल जिपं चुनाव में बवाल मामले में सुनवाई, हाई कोर्ट ने सरकार को दिया एक सप्ताह का समय
नैनीताल जिला पंचायत चुनाव में हुए विवाद के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है ...और पढ़ें

जिपं अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चुनाव में बवाल मामले में सुनवाई। आर्काइव
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाई कोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के मतदान से पहले बवाल व पांच जिला पंचायत सदस्यों के कथित अपहरण व चुनाव में डाले गए एक मतपत्र में ओवरराइटिंग की शिकायत व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव फिर से कराए जाने को लेकर दायरजनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि मामले में जांच चल रही है और रिपोर्ट पेश करनी है, इसलिए एक सप्ताह का समय दिया जाय।
इस दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि यह अपराध से जुड़ा मामला है इसलिए इसमें जनहित याचिका नही ंहो सकती । सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय हैं, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को एक सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई को 17 दिसंबर की तिथि नियत की है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई, इस दौरान पांचों जिला पंचायत सदस्य तरुण शर्मा, प्रमोद कोटलिया, डिकर सिंह मेवाड़ी, दीप सिंह बिष्ट व विपिन जंंतवाल कोर्ट में पेश हुए।
दरअसल 14 अगस्त को हाई कोर्ट ने नैनीताल के जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान पांच सदस्यों के कथित अपहरण से संबंधित वायरल वीडियो का कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। कांग्रेस की जिपं अध्यक्ष प्रत्याशी पुष्पा नेगी व जिपं सदस्य पूनम बिष्ट ने भी याचिका दायर की थी।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक एक को दो कर अमान्य घोषित कर दिया गया। इन पांचों जिला पंचायत सदस्यों ने राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश होकर लिखित बयान दर्ज कराया था कि उनका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि वह अपनी मर्जी से गए थे। निर्देलीय चुनाव जीतने के कारण उन्होंने भाजपा-कांग्रेस के अध्यक्ष प्रत्याशी को वोट नहीं दिया था।

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