हाईकोर्ट ने दून जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट आरक्षण को चुनौती देती याचिका खारिज की
देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान की कुर्सी पर मंडराया खतरा टल गया है। हाई कोर्ट ने जनजाति महिला के लिए आरक्षित करने को चुनौती देती याचिका खारिज कर दी है।
नैनीताल, जेएनएन : देहरादून की जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान की कुर्सी पर मंडराया खतरा टल गया है। हाई कोर्ट ने दून जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट जनजाति महिला के लिए आरक्षित करने को चुनौती देती याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के फैसले से सरकार को भी बड़ी राहत मिली है।
देहरादून निवासी मोहित नेगी ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने असंवैधानिक तरीके से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी जनजाति महिला के लिए आरक्षित कर दी, जबकि नियमानुसार जनजाति की आबादी 0.5 फीसद से अधिक होनी चाहिए। यहां सरकार ने 1994 के नियमों का दुरुपयोग किया है। सरकार के फार्मूले के अनुसार एससी आबादी 0.38 प्रतिशत है, लिहाजा आरक्षण रद किया जाए। वहीं कोर्ट में सरकार की ओर से दलील दी गई कि संविधान के अनुच्छेद-243 के तहत इस वर्ग को प्रतिनिधित्व देना जरूरी है। इसके लिए शासनादेश जारी किया गया था। सरकार द्वारा जनजाति महिला के लिए अध्यक्ष पद आरक्षित कर विधि के अनुसार काम किया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद जनहित याचिका खारिज कर दी।
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