नेता प्रतिपक्ष ने कहा-पहले गैरसैंण का समुचित विकास करें फिर ग्रीष्म कालीन राजधानी बनाएं
गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अभी तक उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित ही नहीं है।
चौखुटिया, जेएनएन : गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अभी तक उत्तराखंड की स्थायी राजधानी घोषित ही नहीं है। ऐसे में इस पर पहले सरकार का स्पष्ट मत सामने आना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार राजधानी के मसले पर एकदम चुप है। गैरसैंण में राजधानी के नाम पर जो भी विकास हुआ है, वह कांग्रेस सरकार की देन है। उनका साफ मत है कि पहले गैरसैंण का समुचित विकास हो। इसके बाद गैरसैंण को ग्रीष्म कालीन राजधानी घोषित किया जाना चाहिए।
रविवार को गणेश कांडपाल आवास पर नेता प्रतिपक्ष ने गैरसैंण जाने से पूर्व जागरण से भेंट की। कहा कि मौजूदा सरकार को तीन वर्ष हो गए हैं, पर यह सरकार विकास में पूरी तरह निल रही है। हालत यह है कि विकास के दावों को दिन के उजियारे में लालटेन जलाकर ढूंढऩा पड़ रहा है। सड़कें टूट चुकी हैं, स्थान स्थान पर गड््ढे बन गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने विकास प्राधिकरण को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया।
कहा कि इसके चलते आम गरीब लोगों के लिए अपना आशियाना बनाना मुश्किल हो गया है। नेता प्रतिपक्ष ने इस सवाल को गैरसैंण सत्र में पहले दिन ही प्रमुखता से उठाने की बात कही। ग्रामीण क्षेत्रों को इससे मुक्त रखने के लिए कांग्रेस पार्टी आगे भी संघर्ष करेगी। पलायन के सवाल पर कहा कि जब पहाड़ में युवाओं को रोजगार मिलेगा, तभी पलायन थमेगा। कहा कि भाजपा सरकार को जनता के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं है। इस मौके पर पूर्व विधायक मदन बिष्ट, प्रदेश सदस्य गणेश कांडपाल, शंकर सिंह कैड़ा, जीवन नेगी, रूप सिंह नेगी, आनंद मनराल, गणेश अटवाल, पूर्व प्रमुख बिशन राम, मान सिंह पटवाल, प्रधान देव सिंह, पप्पू बोरा व पंकज जोशी आदि थे।
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