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    हाई कोर्ट ने कहा, कोरोना योद्धाओं को पर्याप्त मेडिकल व जरूरी सुविधा मिले Nainital News

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Sat, 18 Apr 2020 09:30 AM (IST)

    हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के खिलाफ मोर्चा ले रहे हेल्थ वर्कर को मेडिकल सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए जरूरी सुविधाएं देने को कहा है।

    हाई कोर्ट ने कहा, कोरोना योद्धाओं को पर्याप्त मेडिकल व जरूरी सुविधा मिले Nainital News

    नैनीताल, जेएनएन : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के खिलाफ मोर्चा ले रहे हेल्थ वर्कर को मेडिकल सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने हेल्थ वर्कर को राज्य व केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है। साथ ही महामारी से लडऩे के लिए आवश्यक मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है।

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    याचिका में मांगी गई थी ये सुविधाएं

    हल्द्वानी के अधिवक्ता सनप्रीत सिंह ने जनहित याचिका दायर कर हेल्थ वर्कर को अस्पताल के पास ही आवास मुहैया कराने, विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार पीपीई किट, ट्रिपल लेयर या एन-95 मास्क देने, सुशीला तिवारी अस्पताल के मीडिया में बयान देने वाले कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए डीएम को निर्देशित करने, हेल्थ वर्कर को सेलरी का भुगतान करने, अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी के समान वेतन देने, बनभूलपुरा हल्द्वानी में कफ्र्यू की अवधि में मेडिकल तथा जरूरी सामान की पर्याप्त डिलीवरी सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

    सरकार की आरे से रखा तर्क

    शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पीआइएल पर सुनवाई की। सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता परेश त्रिपाठी व अतिरिक्त सीएससी योगेश पांडे ने कोर्ट को प्रदेश में पीपीई किट, एन-95 व ट्रिपल लेयर मास्क तथा अन्य सुविधाओं को लेकर ब्यौरा कोर्ट को दिया। साथ ही कहा कि यदि एसटीएच कर्मियों की मीडिया में अनावश्यक बयानबाजी होगी तो इससे अनुशासनहीनता बढ़ेगी। साथ ही तर्क दिया कि वेतन देना पीआइएल का हिस्सा नहीं हो सकता। बनभूलपूरा में नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं। खंडपीठ ने जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया।

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