हल्द्वानी पुलिस को मिली राज्य में स्मैक बरामदगी की सबसे बड़ी सफलता, तस्कर दबोचा NAINITAL NEWS
हल्द्वानी की बनभूलपुरा थाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम को अब तक राज्य में सबसे बड़ी मात्रा में स्मैक बरामद करने में सफलता मिली है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बनभूलपुरा थाना पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम को अब तक राज्य में सबसे अधिक मात्रा में स्मैक पकड़ने में सफलता मिली है। संयुक्त टीम ने खटीमा के तस्कर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर 453.5 ग्राम स्मैक बरामद की है। इसकी कीमत 15 लाख रुपये के करीब आकी जा रही है। स्मैक तस्कर गिरोह के दो साथियों का नाम भी पुलिस को पता चला है। दोनों की तलाश में टीमें जुट गई हैं। एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने पत्रकार वार्ता में बताया कि बनभूलपुरा थाना पुलिस व एसओजी को स्मैक तस्करों के गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। जिस पर संयुक्त टीम गठित कर घेराबंदी के लिए जाल बिछाया गया। एक सितंबर की रात टीम ने गौलापुल चेक पोस्ट के पास से मोहल्ला इस्लाम नगर, खटीमा, जिला ऊधम सिंह नगर के मो. सोहेल को गिरफ्तार कर बैग में रखी 453.5 ग्राम स्मैक बरामद की। जबकि उसके दो साथी भाग गए।
सोहेल ने पूछताछ में बताया कि वह वेल्डिंग का काम करता है। खटीमा में ही उसकी दुकान भी है। जिसमें इस्लाम नगर के रहने वाले फरियाद व राशिद भी पार्टनर हैं। तीनों 2015 से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के कई शहरों में जाकर स्मैक बेचते हैं। गिरोह का सरगना वह खुद है और पीलीभीत के नूरिया से भारी मात्रा में स्मैक लाकर थोक में सप्लाई करता है। उसने फरियाद व राशिद को स्मैक की डिलीवरी रेलवे स्टेशन हल्द्वानी में करनी थी। फरियाद व राशिद स्मैक छोटे तस्करों को सप्लाई करते हैं। सोहेल को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। वहीं, फरार तस्करों की तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव व सीओ सिटी दिनेश ढौंडियाल भी मौजूद रहे।
पुलिस को भी गुमराह करता रहा सोहेल
एसएसपी ने बताया कि सोहेल गिरोह के सरगना के लिए कैरियर का काम करने का झूठ बोलकर पुलिस को भी गुमराह करता रहा। उसने बताया कि एक किलो में एक लाख रुपये का कमीशन दिया जाता था। सोहेल को तीन सौ ग्राम स्मैक बताकर सरगना ने हल्द्वानी डिलीवरी के लिए भेजा था। इसके बदले उसे तीन हजार रुपये मिलना था। जबकि पुलिस की जांच में स्मैक 453.5 ग्राम निकली। वहीं पुलिस ने जब सोहेल का रिकार्ड खंगाला तो वही गिरोह का सरगना निकला। स्मैक तस्करी समेत दो पुराने मामले पुलिस के मुताबिक मो. सोहेल को वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला पुलिस ने 950 ग्राम स्मैक के साथ पकड़ा था। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जबकि उस पर फर्जी चेक देने व चेक बाउंस के दो मामले भी न्यायालय में विचाराधीन हैं। नेपाल से सोना आदि सामान की तस्करी भी करता है गिरोह पुलिस के मुताबिक स्मैक के साथ गिरोह नेपाल से टैक्स चोरी कर सोना, इलायची, कपड़े, मसाले लाने का भी काम करता है। नेपाल से सोना आदि सामान की तस्करी का काम गोपाल नाम का साथी देखता है। जबकि सोहेल, फरियाद व राशिद स्मैक तस्करी का काम देखते हैं।
पुलिस टीम पर अफसर मेहरबान, इनाम घोषित
स्मैक की सबसे बड़ी खेप बरामद करने वाली टीम पर अफसर भी मेहरबान हुए हैं। डीआइजी ने सफलता हासिल करने वाली टीम को पांच हजार और एसएसपी ने ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। टीम में बनभूलपुरा थानाध्यक्ष सुशील कुमार, एसओजी प्रभारी दिनेश पंत, दरोगा मंगल सिंह नेगी, मनोज कुमार, संजीत कुमार राठौर, कांस्टेबल परवेज अली, श्याम सिंह राणा, रवि कुमार, अय्यूब हुसैन, एसओजी के जितेंद्र कुमार, कुंदन कठायत व त्रिलोक रौतेला शामिल थे।
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कुमाऊं भर के छात्रों व युवाओं को होती है सप्लाई
एसएसपी ने बताया कि गिरोह नैनीताल जनपद के अलावा पूरे कुमाऊं के जिलों में स्मैक की सप्लाई करता है। हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत व नैनीताल के स्कूल-कॉलेज के छात्रों, कोचिंग सेंटरों के आसपास, ऑटो-टैक्सी चालकों व नशेड़ियों को स्मैक बेची जाती है।
2013 में पकड़ी गई थी 436 ग्राम स्मैक
उत्तराखंड में अब तक सबसे अधिक मात्रा में स्मैक पकड़ने की सफलता देहरादून एसटीएफ को मिली थी। एसटीएफ ने वर्ष 2013 में 436 ग्राम स्मैक पकड़ी थी। वहीं, बनभूलपुरा पुलिस ने 453 ग्राम स्मैक बरामद कर अब ये उपलब्धि अपने नाम दर्ज कराई है।
यह भी पढ़ें : तराई में नशे के कारोबार पर नकेल के लिए 'प्लान पंजाब ' करेगा काम
सोहेल ने पूछताछ में बताया कि वह वेल्डिंग का काम करता है। खटीमा में ही उसकी दुकान भी है। जिसमें इस्लाम नगर के रहने वाले फरियाद व राशिद भी पार्टनर हैं। तीनों 2015 से उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के कई शहरों में जाकर स्मैक बेचते हैं। गिरोह का सरगना वह खुद है और पीलीभीत के नूरिया से भारी मात्रा में स्मैक लाकर थोक में सप्लाई करता है। उसने फरियाद व राशिद को स्मैक की डिलीवरी रेलवे स्टेशन हल्द्वानी में करनी थी। फरियाद व राशिद स्मैक छोटे तस्करों को सप्लाई करते हैं। सोहेल को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है। वहीं, फरार तस्करों की तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव व सीओ सिटी दिनेश ढौंडियाल भी मौजूद रहे।

पुलिस को भी गुमराह करता रहा सोहेल
एसएसपी ने बताया कि सोहेल गिरोह के सरगना के लिए कैरियर का काम करने का झूठ बोलकर पुलिस को भी गुमराह करता रहा। उसने बताया कि एक किलो में एक लाख रुपये का कमीशन दिया जाता था। सोहेल को तीन सौ ग्राम स्मैक बताकर सरगना ने हल्द्वानी डिलीवरी के लिए भेजा था। इसके बदले उसे तीन हजार रुपये मिलना था। जबकि पुलिस की जांच में स्मैक 453.5 ग्राम निकली। वहीं पुलिस ने जब सोहेल का रिकार्ड खंगाला तो वही गिरोह का सरगना निकला। स्मैक तस्करी समेत दो पुराने मामले पुलिस के मुताबिक मो. सोहेल को वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिला पुलिस ने 950 ग्राम स्मैक के साथ पकड़ा था। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। जबकि उस पर फर्जी चेक देने व चेक बाउंस के दो मामले भी न्यायालय में विचाराधीन हैं। नेपाल से सोना आदि सामान की तस्करी भी करता है गिरोह पुलिस के मुताबिक स्मैक के साथ गिरोह नेपाल से टैक्स चोरी कर सोना, इलायची, कपड़े, मसाले लाने का भी काम करता है। नेपाल से सोना आदि सामान की तस्करी का काम गोपाल नाम का साथी देखता है। जबकि सोहेल, फरियाद व राशिद स्मैक तस्करी का काम देखते हैं।
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पुलिस टीम पर अफसर मेहरबान, इनाम घोषित
स्मैक की सबसे बड़ी खेप बरामद करने वाली टीम पर अफसर भी मेहरबान हुए हैं। डीआइजी ने सफलता हासिल करने वाली टीम को पांच हजार और एसएसपी ने ढाई हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। टीम में बनभूलपुरा थानाध्यक्ष सुशील कुमार, एसओजी प्रभारी दिनेश पंत, दरोगा मंगल सिंह नेगी, मनोज कुमार, संजीत कुमार राठौर, कांस्टेबल परवेज अली, श्याम सिंह राणा, रवि कुमार, अय्यूब हुसैन, एसओजी के जितेंद्र कुमार, कुंदन कठायत व त्रिलोक रौतेला शामिल थे।
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कुमाऊं भर के छात्रों व युवाओं को होती है सप्लाई
एसएसपी ने बताया कि गिरोह नैनीताल जनपद के अलावा पूरे कुमाऊं के जिलों में स्मैक की सप्लाई करता है। हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत व नैनीताल के स्कूल-कॉलेज के छात्रों, कोचिंग सेंटरों के आसपास, ऑटो-टैक्सी चालकों व नशेड़ियों को स्मैक बेची जाती है।
2013 में पकड़ी गई थी 436 ग्राम स्मैक
उत्तराखंड में अब तक सबसे अधिक मात्रा में स्मैक पकड़ने की सफलता देहरादून एसटीएफ को मिली थी। एसटीएफ ने वर्ष 2013 में 436 ग्राम स्मैक पकड़ी थी। वहीं, बनभूलपुरा पुलिस ने 453 ग्राम स्मैक बरामद कर अब ये उपलब्धि अपने नाम दर्ज कराई है।
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