नैनीताल में अचानक बढ़ी चूहों की आबादी और साइज, इसकी वजह जानने जुटे चार विभाग
नैनीताल में चूहों की बढ़ती आबादी और आकार को लेकर चिंता बढ़ गई है। डीएम ने दैनिक जागरण में छपी खबर पर संज्ञान लेते हुए चार विभागों की संयुक्त कमेटी गठित की है। यह कमेटी चूहों की संख्या में वृद्धि के कारणों, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगी। विशेषज्ञों की मदद से चूहों को नियंत्रित करने के उपायों पर भी विचार किया जाएगा।

बढ़ती तादाद, उनके बढ़ते आकार के कारणों की जांच अब चार विभाग करेंगे। प्रतीकात्मक
नरेश कुमार, नैनीताल। शहर में चूहों की बढ़ती तादाद, उनके बढ़ते आकार के कारणों की जांच अब चार विभाग करेंगे। उनकी बढ़ती तादाद से शहर में पर्यावरणीय व मानव स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ रहा है इसकों लेकर भी अध्ययन किया जाएगा। जरुरत पड़ी तो चूहों को नियंत्रित करने में विशेषज्ञता रखने वाले संस्थान अथवा विशेषज्ञों से भी मदद ली जाएगी। डीएम ने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेने के बाद चार विभागों की संयुक्त कमेटी का गठन कर अध्ययन व रोकथाम के निर्देश दिये है।
बता दें कि शहर में चूहों की तादाद में एकाएक बढ़ोतरी हो रही है। शहर के पार्को, बाजार क्षेत्रों के साथ ही आवासीय भवनों में चूहों का आतंक बना हुआ है। सामान्य आकार से बड़े यह चूहे जमीन को खोखला कर भूस्खलन का भी कारण बने हुए है। दो वर्ष पूर्व बैंड स्टेंड क्षेत्र में हुए भूस्खलन के बाद विशेषज्ञों के सर्वे में यह स्पष्ट हो चुका है।
जमीन को खोखला करने तक तो ठीक था, बीते कुछ महिनों में चूहों ने नया संकट खड़ा कर दिया है। घर पर काम करने, सोने के दौरान लोगों को चूहों के काटने के मामले सामने आ रहे है। दस माह में 41 लोगों को चूहों के काटने के मामले सामने आये थे। 17 अक्टूबर के अंक में दैनिक जागरण ने नैनीताल में आवारा कुत्तों के बाद नया संकट, लोगों काे काट रहे चूहें शीर्षक के साथ समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसका संज्ञान लेकर डीएम ने चार विभागों की संयुक्त कमेटी का गठन किया है।
कारणों व प्रभावों की जांच कर रोकथाम करेगी कमेटी
डीएम ललित मोहन रयाल ने बताया कि जांच के लिए नगर पालिका, कृषि विभाग, जिला विकास प्राधिकरण व स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी शहर में बढ़ती चूहों की संख्या, आकार के कारणों की जांच करेगी। कमेटी को चूहों से पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य व अन्य प्रभावों की जानकारी जुटाने के निर्देश भी दिये गए है।
साथ ही निर्देशित किया गया है कि यदि जरुरत पड़े तो देश में चूहों के नियंत्रण को लेकर काम करने वाले विशेषज्ञ अथवा संस्था से भी सहयोग लिया जाए। विशेषज्ञों व विभागीय अधिकारियों के सुझाव संबंधित रिपोर्ट बनाकर इन पर नियंत्रण करने के निर्देश दिये गए है।

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