उत्तराखंड में कोहरे ने लगाया गाड़ियों की रफ्तार पर ब्रेक, दिल्ली वालों के लिए अब बचा बस ये ऑप्शन
उत्तराखंड रोडवेज को कोहरे और दिल्ली में प्रदूषण से परेशानी हो रही है। कोहरे के कारण मैदानी इलाकों से आने वाली 25 गाड़ियां हल्द्वानी देरी से पहुंचीं। द ...और पढ़ें

उत्तराखंड रोडवेज के लिए कोहरे संग दिल्ली का प्रदूषण भी बना समस्या। आर्काइव
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। उत्तराखंड रोडवेज इस समय दो अलग-अलग समस्याओं से जुझ रहा है। कोहरे की वजह से मैदानी मार्गों से जुड़ी 25 गाड़ियां बुधवार को आधे से एक घंटे तक की देरी से हल्द्वानी पहुंची। जबकि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से निगम की खुद की बसों के संचालन पर संकट छा गया है। राष्ट्रीय राजधानी के लिए अब अनुबंधित सीएनजी बसों से ही यात्रियों के दबाव को झेला जाएगा। हालांकि, सहालग सीजन खत्म होने और ठंड बढ़ने की वजह से अन्य दिनों के मुकाबले बुधवार को स्टेशन पर यात्री भी कम नजर आए।
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की वजह से बीएस 3 और 4 माडल की बसों की एंट्री पर बैन लग गया है। यानी निगम के स्वामित्व वाली अधिकांश बसें दिल्ली के अंदर नहीं घुस सकती। इसलिए अनुबंधित बसों को भेजा जाएगा। मामले को लेकर एआरएम हल्द्वानी संजय पांडे ने बताया कि डिपो के पास 15 सीएनजी और पांच नई सुपर डीलक्स के साथ ही दो साधारण श्रेणी की नई बसें हैं। यानी दिल्ली के लिए 22 बसों का बेड़ा है।
वहीं, काठगोदाम डिपो के एआरएम गणेश पंत ने बताया कि 19 सीएनजी समेत दो अन्य गाड़ियां दिल्ली चलाई जाएंगी। वर्तमान में सवारियों की संख्या कम होने की वजह से ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। दूसरी तरफ प्रदूषण के अलावा कोहरा भी रोडवेज के लिए समस्या बन चुका है। बुधवार को दिल्ली, देहरादून, गुरुग्राम आदि रूट से जुड़ी 25 बसें हल्द्वानी देरी से पहुंची। शाम होने पर फिर कोहरा छा गया था। इसलिए गुरुवार को भी गाड़ियों की वापसी में देरी होगी।
हल्द्वानी की सुपर डीलक्स पास काठगोदाम की फेल
हल्द्वानी डिपो पांच सुपर डीलक्स गाड़ियों को दिल्ली भेजता है। जिन्हें पिछले साल ही रोडवेज से जोड़ा गया था। यह बीएस 6 माडल है। यानी संचालन में कोई दिक्कत नहीं। लेकिन काठगोदाम की दोनों सुपर डीलक्स पुराना माडल है। इन्हें दिल्ली भेजने में दिक्कत आएगी। इस स्थिति में यात्री परेशान होंगे। क्योंकि, इन हाईटेक बसों के अधिकांश टिकट आनलाइन बुक होते हैं। दिल्ली बार्डर पर रोकने पर सवारियों काे दूसरा विकल्प तलाशना होगा।
निजी संचालकों की ज्यादातर गाड़ियां नई
दिल्ली में प्रदूषण के चलते पुरानी गाड़ियों में लगे प्रतिबंध से रोडवेज के लिए जहां असमंजस की स्थिति पैदा हो चुकी है। लेकिन निजी संचालकों को फायदा होगा। वजह इनकी अधिकांश गाड़ियां बी-6 माडल होना है।

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