बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर दें ध्यान, संक्रमण का असर होगा कम nainital news
सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ते मौसम में वायरस व बैक्टीरिया की सक्रियता बढ़ जाती है। यही कारण है कि शरीर में थोड़ी सी भी प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर बीमारी अटैक करने लगती है।
हल्द्वानी, जेएनएन : सर्दी से गर्मी की ओर बढ़ते मौसम में वायरस व बैक्टीरिया की सक्रियता बढ़ जाती है। यही कारण है कि शरीर में थोड़ी सी भी प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर बीमारी अटैक करने लगती है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। यह सलाह बेस अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएस बिष्ट ने दी। वह रविवार को दैनिक जागरण के हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस तरह फैलती है बीमारी
मौसम की बीमारी में प्रतिरोधक क्षमता मायने रखती है। इसलिए जिन लोगों की इम्यूनिटी पावर कम होती है, उन्हें यह वायरस व बैक्टीरिया तेजी से अटैक करते हैं। डॉ. बिष्ट कहते हैं, ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं।
ये हैं लक्षण
वायरल हो या बैक्टीरिया का संक्रमण, दोनों में बुखार आना, बदन दर्द, उल्टी-दस्त की समस्या रहती है। बुखार में सीना, सिर व पेट गर्म हो सकता है और हाथ-पांव ठंडे। जुकाम लगने की समस्या भी रहती है।
ऐसे बढ़ाएं प्रतिरोधक क्षमता
डॉ. बिष्ट कहते हैं, ताजे फल, सब्जियां, दाल और पौष्टिक भोजन से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। बच्चों का नियमित टीकाकरण कराएं।
बचाव के लिए अपनाएं ये तरीका
- सफाई का विशेष ध्यान रखें
- डिब्बाबंद भोजन को ग्रहण न करें
- खुले खाद्य पदार्थों को न खाएं
- समस्या बढऩे पर डॉक्टर से परामर्श लें
- बुखार होने पर शरीर को गीले
- कपड़े से पोछें
इसलिए हानिकारक हैं डिब्बाबंद खाना
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. बिष्ट कहते हैं, डिब्बाबंद जूस को ही लें तो इसमें न्यूट्रिशन की मात्रा बहुत कम होती है। लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए जिन प्रिजरवेटिव का इस्तेमाल किया जाता है, ये तत्व शरीर के लिए नुकसादेह होते हैं। इसलिए बीमारी की स्थिति में ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। वैसे सामान्य स्थितियों में भी लंबे समय समय तक डिब्बाबंद भोजन से बचना चाहिए।
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