संचार सुविधाअों से कटा उच्च हिमालयी क्षेत्र, कैलास यात्रियों के लिए भी परेशानी, जानिए : nainital news
उच्च हिमालय में एक मात्र संचार का माध्यम सेटेलाइट से संचालित डीएसबीटी फोन विगत एक माह से ठप हैं। जिसके चलते उच्च हिमालय से सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं हो रहा है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : उच्च हिमालयी क्षेत्र इन दिनों संचार सुविधाओं से कटा है। वहां के जवान और ग्रामीण अपनों को अपनी खबर न दे पा रहे हैं और न ही ले पा रहे हैं। कारण एक मात्र संचार का माध्यम सेटेलाइट से संचालित डीएसबीटी फोन विगत एक माह से ठप हैं। जिसके चलते उच्च हिमालय से सूचनाओं का आदान प्रदान नहीं हो पा रहा है। सेटेलाइट बदलने के कारण डीएसबीटी फोन सेवा बंद होने से इस बार कैलास मानसरोवर यात्रा गए श्रद्धालुओं की टीम इंमार्स फोन सेटों का प्रयोग कर रही है। इसकी सेवा भी सिर्फ आपात स्थिति में ही ली जा जा सकती है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र अभी संचार सेवा से नहीं जुड़ सके हैं। उच्च हिमालय में तैनात आइटीबीपी सहित यहां निवास करने वालों के लिए सेटेलाइट से संचालित डीएसबीटी फोन की सेवा उपलब्ध कराई गई थी। यह सेवा सीमित थी। विशेषकर आइटीबीपी कैंपों या फिर एक ग्राम पंचायत में एक डीएसबीटी फोन उपलब्ध रहता था। उच्च हिमालय की सूचनाएं इन फोन के माध्यम से दी जाती थी। जिन गांवों में यह सुविधा नहीं थी वहां के ग्रामीण निकट की आइटीबीपी चौकी से आवश्यक सूचनाएं भेजते रहे हैं।
कैलास मानसरोवर यात्रा में भी डीएसबीटी फोन संचार का माध्यम था। यात्री प्रत्येक पड़ाव से अपने परिजनों से इस फोन से कुशल क्षेम देते थे। इस बीच बीएसएनएल द्वारा सेटेलाइट बदला जा रहा है। जिससे डीएसबीटी फोन सेवा बंद है। उप महाप्र्रबंधक दूरसंचार अल्मोड़ा मंडल एके गुप्ता के अनुसार यह व्यवस्था बंगलुरु से संचालित हो रही है। इस व्यवस्था को सेटेलाइट में शिफ्ट किया जा रहा है। जिसमें समय लगने की संभावना है। नए सेटेलाइट में व्यवस्था के शिफ्ट होने के बाद डीएसबीटी सेवा प्रारंभ होगी। कैलास मानसरोवर यात्रा प्रारंभ होने के कारण अब यात्रावधि में सूचनाओं का आदान प्रदान अधिक आवश्यक हो चुका है। जिसके लिए इंमार्स फोन सेट का प्रयोग किया जा रहा है।
क्या है डीएसबीटी फोन सेवा
भौगोलिक दृष्टि से बेहद दुरू ह क्षेत्रों में डीएसबीटी (सीधे सेटेलाइट से संचालित सेवा) सेवा दी गई है। इसके तहत संबंधित क्षेत्रों में फिक्स फोन लगाए गए हैं, इनके जरिए क्षेत्र में रहने वाली जनता संचार का लाभ उठाती है। उत्तराखंड की चीन से लगने वाली धारचूला तहसील की व्यास घाटी में करीब आधा दर्जन स्थानों पर ये फोन लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों के साथ ही इस क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बल भी इसी सेवा का उपयोग करते हैं।
इंमार्स सेट का प्रयोग मात्र आपात स्थिति पर होगा
इस समय इंमार्स सेट का प्रयोग केवल आपात काल में होगा। इंमार्स सेट के प्रयोग के लिए केवल आइटीबीपी को ही अधिकृत किया गया है। डीएसबीटी फोन में काल दर सस्ती थी। एक रुपया पर मिनट था। इंमार्स सेट में दर 25 रु पए प्रति मिनट है। इस संबंध में आइटीबीपी सरकार से बात करेगी। इंमार्स भी सेटेलाइट से ही संचालित होती है।
इंमार्स सेट की कॉल दर महंगी
डीआइजी, आइटीबीपी एपीएस निंबाडिया ने बताया कि इंमार्स सेट आइटीबीपी के पास हैं। इनका प्रयोग केवल आपातकाल के लिए किया जाएगा। इस संबंध में डीजी आइटीबीपी सरकार से चर्चा करेंगे। इंमार्स सेट की कॉल दर महंगी है।
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