आशुतोष पंत ने जल संरक्षण के लिए पोखर बनाए और लाखों पौधे लगाए, जानिए
बरेली रोड के धान मिल में रहने वाले वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष पंत समाज के साथ ही जल संरक्षण को लेकर लापरवाह सरकारी महकमों व मुलाजिमों ...और पढ़ें

हल्द्वानी, जेएनएन : बरेली रोड के धान मिल में रहने वाले वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष पंत समाज के साथ ही जल संरक्षण को लेकर लापरवाह सरकारी महकमों व मुलाजिमों को भी आईना दिखा रहे हैं। पेशे से चिकित्सक डॉ. पंत लोगों के उपचार के साथ ही 30 साल से जल व पर्यावरण बचाने की मुहिम छेड़े हुए हैं। अपने घर में उन्होंने सवा लाख लीटर से अधिक क्षमता का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया है। इसके साथ ही अब तक वह 2.58 लाख पौधे बांट चुके हैं।
रुद्रपुर स्थित जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में तैनात डॉ. पंत ने वर्ष 1988 में जल व जंगल बचाने का बीड़ा उठाया था। डॉ. पंत बताते हैं कि तेजी से हो रहे जंगलों के दोहन पर्यावरण और जल संकट का बड़ा कारण बन रहे हैं। यह पीड़ा उनके मन में बचपन से थी। नौकरी में आने के बाद उन्होंने इस क्षेत्र में भी सेवा करने के लिए कदम बढ़ाए। बताते हैं कि बरसात में धरा का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाता है। इसके बावजूद जल संकट गहराया रहता है। इसका अहम कारण लगातार कटते जंगल, वनाग्नि व पानी को संरक्षित कर धरा के रिचार्ज नहीं करना है। बरसात में हर ओर पानी ही पानी होने के बावजूद इसे रोकने के प्रबंध नहीं हैं। यह पानी बहकर नदी-नालों के माध्यम से आगे चला जाता है। पहाड़ व भाबर के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में बंधे बनाकर पानी को रोका जा सकता है। इसके अलावा जंगलों में चाल-खाल बनाने के लिए वृहद अभियान शुरू करने की जरूरत है। डॉ. पंत मानते हैं कि अगर सरकार से लेकर अफसर व आम जनता जागरूक होकर जल संरक्षण के लिए सामूहिक पहले करें तो धरा व जंगलों को सूखने से बचाया जा सकता है।
टैंक का पानी बागवानी के साथ ही घर में हो रहा प्रयोग
डॉ. आशुतोष पंत ने घर पर सवा लाख लीटर से अधिक क्षमता का वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाया है। उन्होंने बताया कि इस टैंक से धरा रिचार्ज होने के साथ ही उनके घरेलू उपयोग व बागवानी के लिए पर्याप्त पानी की जरूरत पूरी हो जाती है। वह कहते हैं कि यदि हर व्यक्ति इस तरह के प्रयास शुरू करे तो पानी की काफी बचत होगी।
शुभ अवसरों पर उपहार में देते हैं पौधे
पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए डॉ. आशुतोष पंत हर तरह से प्रयासरत रहते हैं। शादी-ब्याह व नामकरण आदि आयोजनों में जाने पर वह उपहार के रूप में लोगों को पौधे बांटते हैं। इसके साथ ही साल भर पहाड़ से लेकर मैदानों में घूमकर लोगों को मुफ्त फलदार और छायादार पौधे उपलब्ध कराते हैं। ये पौधे वह अपने वेतन से खरीदते हैं।
समय पर सजग होकर प्रयास करन की जरूरत
डॉ. आशुतोष पंत, वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक ने बताया कि जल संरक्षण के लिए समय पर सजग होकर प्रयास करने की जरूरत है। अगर हर व्यक्ति जागरूक रहकर जल संरक्षण के प्रयास करे तो काफी पानी बचेगा। लाखों रुपये के भवन बनाने वाले अगर कुछ रुपये खर्च कर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाएं तो जमीन रिचार्ज होगी। इसके अलावा लोगों को पीने के लिए छोड़ बागवानी, कपड़े धोने आदि के लिए पानी मिलेगा।

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