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जन औषधि केंद्रों के खिलाफ डीएम ने की बड़ी कार्रवाई, स्पेशल आडिट की भेजी सिफारिश

जिला रेडक्रॉस सोसायटी अध्यक्ष व डीएम ने बीडी पांडे अस्पताल में जन औषधि केंद्र में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर फर्म का लाइसेंस निलंबित या निरस्त करने की संस्तुति कर दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 08:34 AM (IST)
जन औषधि केंद्रों के खिलाफ डीएम ने की बड़ी कार्रवाई, स्पेशल आडिट की भेजी सिफारिश

नैनीताल, जेएनएन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गरीबों को सरकारी अस्पतालों में सस्ती व सुलभ दवाएं उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र स्थापित किए, मगर इन केंद्र संचालकों ने दवा की खरीद से लेकर नियुक्तियां समेत अन्य मामलों में घोटाला कर सरकार की मंशा पर पलीता लगा दिया। जिला रेडक्रॉस सोसायटी अध्यक्ष व डीएम ने बीडी पांडे अस्पताल में जन औषधि केंद्र में गंभीर अनियमितताएं पाए जाने पर फर्म का लाइसेंस निलंबित या निरस्त करने की संस्तुति कर दी है। साथ ही जिले में इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी संचालित समस्त प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का स्पेशल आॅडिट करने की सिफारिश कर दी है। इस पूरे प्रकरण में फर्म स्वामी व रेडक्रॉस समिति सचिव आरएन प्रजापति की भूमिका गंभीर सवालों के घेरे में आ गई है। 

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जिला मुख्यालय के बीडी पांडे अस्पताल, बेतालघाट, सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी, संयुक्त चिकित्सालय रामनगर, बेस व पुरुष चिकित्सालय हल्द्वानी में रेडक्रॉस समिति द्वारा जन औषधि केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। चिकित्सा प्रबंधन समिति सदस्य मनोज जोशी समेत अन्य की शिकायत मिलने पर डीएम सविन बंसल द्वारा सीएमओ डॉ. भारती राणा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। जांच टीम द्वारा पांच अगस्त को बीडी पांडे अस्पताल स्थित जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया तो अनियमितताएं पकड़ी गई। फर्म के प्रोपराइटर आरएन प्रजापति को अनियमितताओं पर तीन दिन में जवाब मांगा पर नहीं दिया गया। 13 अगस्त को कार्यालय में आकर अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया। अगले दिन प्रजापति द्वारा अभिलेख प्रस्तुत किए तो उसमें घोर अनियमिताएं पाई गई। 

एक्सपायरी डेट की दवाओं का मिला जखीरा

औषधि केंद्र का लाइसेंस पर अंकित फार्मासिस्ट पहली अप्रैल से अवकाश पर था। फर्म के अन्य फार्मासिस्टों का नाम लाइसेंस में अंकित नहीं था। औषधि खरीद के बारे में प्रजापति द्वारा बताया गया कि उनके पास कोई प्रारूप नहीं है, न ही उनके द्वारा पीएमएस या अन्य चिकित्साधिकारियों से सुझाव लिए जाते हैं। एक्सपायरी डेट की दवाओं का भंडारण पाया गया। उन्हें वापस करने के लिए कार्रवाई नहीं की गई। ऑनलाइन कनेक्टिविटी नहीं होने के बहाने वैकल्पिक व्यवस्था, पत्रावली व रजिस्टर नहीं बनाया गया। भुगतान के बारे में पूछने पर कहा गया कि रेडक्रॉस सोसायटी चेयरमैन से अनुमोदन लिया जाता है मगर इसके अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। टीम ने केंद्र में मानकों का अनुपालन नहीं किए जाने, गंभीर अनियमिताएं पाए जाने पर डीएम व जिला रेडक्रॉस समिति अध्यक्ष को विशेष आडिट टीम से फर्म का निरीक्षण करने व लाइसेंस निरस्त या निलंबन की संस्तुति की है। 

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