पहाड़ में स्वास्थ्य सुविधाए बेहतर करने के लिए बागेश्वर में एम्स स्थापित करने की मांग उठी
युवाओं ने एम्स की स्थापना बागेश्वर में करने की मांग तेज कर दी है। उन्होंने उपजिलाधिकारी कपकोट प्रमोद कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सीमांत जिले के सुदूरवर्ती गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं चुस्त-दुरुस्त होंगी।
बागेश्वर, जागरण संवाददाता : युवाओं ने एम्स की स्थापना बागेश्वर में करने की मांग तेज कर दी है। उन्होंने उपजिलाधिकारी कपकोट प्रमोद कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सीमांत जिले के सुदूरवर्ती गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं चुस्त-दुरुस्त होंगी। रेफर सेंटर बने जिले के अस्पतालों को भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों को अधिक धन भी व्यय नहीं करना पड़ेगा।
गुरुवार को स्थानीय युवा गंगा सिंह बसेड़ा के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने कहा कि विगत दिनों केंद्रीय प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुमाऊं मंडल में एम्स की स्थापना के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डा. हर्षवर्धन से बात की है। उन्होंने भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। कुमाऊं मंडल वासियों ने सीएम की दूरदर्शी सकरात्मक पहल पर उनका आभार जताया है। कहा कि पर्वतीय जिलों में चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधओं में सुधार होगा।
राज्य आंदोलनकारियों के सपने भी साकार होंगे। सरयू-गोमती संगम पर बसा बागेश्वर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक नगरी है। कुली बेगार आंदोलन का अंत भी यहीं से हुआ है। बागनाथ की पावन धरती पर एम्स बनाया जाना एक क्रांतिकारी कदम होगा। उन्होंने कहा कि बागेश्वर से पिथौरागढ़, अल्मोड़ा,चमोली की दूरी भी कम है। पर्वतीय जिलों की अपेक्षा मैदानी जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हैं। इस मौके पर विनोद कपकोटी, गजेंद्र कपकोटी, दीपक कपकोटी, लोकेश कपकोटी आदि मौजूद थे।
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