Corona warriors : मुस्लिम बस्ती में डॉक्टरों की टीम और पुलिसकर्मियों पर फूल बरसाकर स्वागत
हर मुश्किल दौर में सद्भाव की मिसाल पेश करते आए हल्द्वानी के मुस्लिमों ने एक बार फिर नजीर पेश की है। बनभूलपुरा में कोरोना वारियर्स पर फूल बरसाकर स्वागत किया गया।
हल्द्वानी, जेएनएन : तब्लीगी जमात की कारस्तानियों और इंदौर में डॉक्टरों की टीम पर हमले के बाद से मुस्लिम समुदाय के लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं। इंदौर में तो बकायदा इस बात के लिए समुदाय के लोगों ने एक अखबार को विज्ञापन देकर माफी तक मांगी है। वहीं हर मुश्किल दौर में सद्भाव की मिसाल पेश करते आए हल्द्वानी के मुस्लिमों ने एक बार फिर नजीर पेश की है। शहर के बनभूलपुरा क्षेत्र में पांच जमातियों में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से पूरे इलके को सील कर दिया गया है। ऐसे में बुधवार को घर-घर जब डॉक्टरों की टीम स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंची तो क्षेत्र के लोगों ने उनके ऊपर फूल बरसाकर स्वागत किया। उनके इस तरह के कदम की सराहना शासन-प्रशासन से लेकर आमजन तक कर रहे हैं। कोरोना वारियर्स भी अपने शानदार स्वागत से अभीभूत हुए।
दो दिन में 800 से अधिक परिवारों की जांच
शहर का मुस्लिम बाहुल्य बनभूलपुरा क्षेत्र दो दिन से पूरी तरह लाॅक है। आवागमन पूरी तरह से बंद हो चुका है और स्वास्थ्य विभाग की 10 टीमें तीन दिन से जांच के लिए घर-घर सर्वे पर है। दो दिन में 800 से अधिक परिवारों की जांच की जा चुकी है। वहीं बुधवार को जैसे ही टीम बनभूलपुरा के नई बस्ती में पहुंची तो दिल्ली में कंसलटेंसी कंपनी चलाने वाले जुबेर खान व उसके परिवार ने अपने घर की बालकनी से सड़क पर लोगों की जांच कर रही स्वास्थ्य विभाग की टीम पर फूल बरसाने शुरू कर दिए।
अचानक फूलों की बारिश से स्तब्ध हो गए कोरोना वारियर्स
फूल बरसते देख कुछ देर तक टीम व पुलिस सक्रिय हो गई, लेकिन जैसे ही आसपास के लोगों ने उनका स्वागत करने की बात कही तो टीम ने भी उनका दिल से शुक्रिया अदा किया। क्षेत्रवासियों का उन्होंने दिल से आभार जताया। स्थानीय निवासी सरताज आलम समेत कुछ लोगों ने इसका वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया तो इस पहल की खूब सराहना हो रही है। यूजर्स कमेंट और लाइक कर उनके काम की जमकर सराहना कर रहे हैं।
कोरोना वारियर्स को हाेना चाहिए सम्मान
जुबेर खान ने बताया कि समाज में कुछ गलत लोगों की वजह से देश में अजीब सा माहौल बन गया है, इसी को देखते हुए मैंने डाॅक्टरों की टीम पर फूल बरसाने के बारे में सोचा। जैसे ही टीम हमारे घर के पास आई तो मैंने अपने परिवार के साथ फूल बरसाए। आखिर डाॅक्टर हो पुलिस, सभी हमारी सेवा के लिए ही तो अपनी जान जोखिम में डालकर आ रहे हैं। क्यों न उनका दिल खोलकर स्वागत किया जाए।
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