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कैदियों के संक्रमित मिलने पर अब जेल अधीक्षक समेत 20 कर्मियों के लिए गए सैंपल

सितारगंज के सेंट्रल जेल में पांच कैदि‍यों की रि‍पोर्ट पॉजि‍टि‍व आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जेल अधीक्षक समेत जेल के 20 कर्मचारियों का स्वैब लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 04:16 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 04:16 PM (IST)
कैदियों के संक्रमित मिलने पर अब जेल अधीक्षक समेत 20 कर्मियों के लिए गए सैंपल
कैदियों के संक्रमित मिलने पर अब जेल अधीक्षक समेत 20 कर्मियों के लिए गए सैंपल

सितारगंज, जेएनएन : सितारगंज के सेंट्रल जेल में पांच कैदि‍यों की रि‍पोर्ट पॉजि‍टि‍व आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जेल अधीक्षक समेत जेल के 20 कर्मचारियों का स्वैब लिया है। टेस्ट के नमूने जांच के लिए हल्द्वानी प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश आर्य ने बताया कि सोमवार को सेंट्रल जेल में जेल अधीक्षक जेलर फार्मेसिस्ट समेत 20 कर्मचारियों का आर्टी पीसीआर टेस्ट किया गया है। जिसके सैंपल प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं। पहले चरण में जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों के नमूने लिए जाएंगे। इसके बाद उन बैरकों के कैदियों के नमूने लिए जाएंगे जिनमें कैदी संक्रमित पाए गए थे। अंतिम चरण में जेल में बंद सभी कैदियों के सैंपल लेकर जांच को भेजे जाएंगे। मालूम हो कि जेल में 110 जेलकर्मी हैं और 661 कैदी बंद हैं।

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हल्द्वानी से सेंट्रल जेल पहुंचा कोरोना !

जेल के जिस बैरक में दो कोरोना पॉजिटिव कैदी पाए गए हैं उस बैरक के दो कैदी इलाज के लिए हल्द्वानी गए थे। जेल में कोरोना पहुंचने का माध्यम इलाज कराने गए कैदी हैं या कैदियों को ले जाने वाले बंदी रक्षक, इसका खुलासा इलाज कराने गए कैदियों व बंदी रक्षकों के कोरोना टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा। जेल प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग भी हल्द्वानी से ही जेल में कोरोना के दाखिल होने की आशंका जता रहा है।

50 दिन कोई कैदी इलाज को नहीं आया

कोरोना संक्रमण के प्रभाव को देखते हुए 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन हो गया था। शर्तों का असर प्रदेश की जेलाें में भी दिखा। कैदियों की परिजनों से मुलाकात बंद होने के साथ ही कैदियों के पेशियों पर जाना भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया। सेंट्रल जेल में बंद 661 कैदी जेल में ही लॉक हो गए थे। खेती आदि के कार्य मे भी कैदियों के बाहर जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। लॉक डाउन के 50 दिनों तक कोई भी कैदी इलाज के लिए अस्पताल नहीं गया था। इस दौरान कैदियों को इलाज की जरूरत भी नहीं पड़ी थी।

15 मई के बाद इलाज को छह कैदी हल्द्वानी आए

बताया जा रहा है कि 15 मई के बाद इलाज के लिए छह कैदी हल्द्वानी गए थे। इन कैदियों को ले जाने में 9 बंदी रक्षक भी हल्द्वानी गए थे। सूत्र बताते हैं कि जेल में कोरोना पॉजिटिव पाए गए पांच कैदी अलग-अलग 3 बैरको में रहते थे। जिस एक बैरक में दो संक्रमित कैदी मिले हैं उस बैरक के दो कैदी इलाज के लिए हल्द्वानी गए थे। उन्हें चार बंदी रक्षक हल्द्वानी लेकर गए थे। माना जा रहा है कि इलाज के लिए गए कैदी या उन्हें ले जाने वाले बंदी रक्षको के माध्यम से ही कोरोना सेंट्रल जेल पहुंचा है। जेल में 32 बैरको में कैदी रहते हैं।

इस तरह पहुंचा होगा कोरोना

सुबह दोपहर शाम यह सभी कैदी नहाने खाने या शौचालय जाने के वक्त आपस में मिलते भी रहते हैं। संभावना जताई जा रही है कि हल्द्वानी के रास्ते जेल में दाखिल हुआ कोरोना कैदियों के नहाने खाने और शौचालय जाने के वक्त आपस में मिलने से फैल गया। क्योंकि इसके अलावा जेल में आने वाले गैस सिलेंडर दूध और अन्य सामग्री लॉकडाउन के समय जेल के बाहर ही रखकर उसे सैनिटाइजर और सुरक्षित करके ही जेल के अंदर ले जाया जा रहा था।

जेल में बरता जा रहा पूरा एहतियात

जेल अधीक्षक दधि राम मौर्य ने बताया कि लॉक डाउन के बाद से जेल में जाने वाला सामान या खाद्य सामग्री को बाहर रखकर ही उसे सुरक्षित बना के अंदर ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 10- 15 दिनों में पांच- छह कैदियों को इलाज के लिए बंदी रक्षकों के साथ हल्द्वानी भेजा गया था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश आर्य भी हल्द्वानी से ही जेल में कोरोना पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि सितारगंज क्षेत्र में अभी तक कोरोनावायरस का कोई भी संदिग्ध सामने नहीं आया है इसलिए आशंका है कि जेल में हल्द्वानी से ही कोरोना पहुंचा है।

इलाज करने वाले डॉक्टर की होगी जांच

कोरोना संक्रमित का इलाज करने वाले डॉक्टर व लैब टेक्नीशियन की कोरोना टेस्टिंग होगी। मंगलवार को दोनों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश आर्य ने बताया कि सेंट्रल जेल के संक्रमित पाए गए एक कैदी को इलाज के लिए 22 23 व 25 मई को यहां अस्पताल लाया गया था। जिसका इलाज डॉक्टर रविंद्र कुमार ने किया था। लैब टेक्नीशियन बृजेश जोशी ने कैदी की जांच भी की थी। कैदी की संक्रमित होने की रिपोर्ट आने के बाद आप डाक्टर व लैब टेक्नीशियन की भी टेस्टिंग की जाएगी मंगलवार को दोनों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल डॉक्टर लैब टेक्नीशियन को होम क्वारंटाइन किया गया है।

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