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    पिथौरागढ़ में बारिश और चा‍ेटियों पर हिमपात के कारण बढ़ी ठंड, फसलों के लिए फायदेमंद

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 25 Feb 2020 07:01 PM (IST)

    तीन बजे से पिथौरागढ़ में तेज गरज के साथ हल्की बूंदाबांदी ओलावृष्टि और उच्च हिमालय में लगातार हिमपात से जिला एक बार फिर कड़ाके की ठंड की चपेट में है। ...और पढ़ें

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    पिथौरागढ़ में बारिश और चा‍ेटियों पर हिमपात के कारण बढ़ी ठंड, फसलों के लिए फायदेमंद

    पथौरागढ़, जेएनएन : सुबह बादल, दिन में हल्की धूप और तीन बजे से जिलेभर में तेज गरज के साथ हल्की बूंदाबांदी, ओलावृष्टि और उच्च हिमालय में लगातार हिमपात से जिला एक बार फिर कड़ाके की ठंड की चपेट में है। अपराह्न तीन बजे के बाद आम जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। बाजारों में सुनसानी छा रही है तो यातायात भी प्रभावित है। अलबत्त्ता बारिश को फसल और फलों के लिए अच्छा बताया जा रहा है।

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    पल पल मौसम बदल रहा रंग

    सोमवार की शाम पिथौरागढ़ सहित कई स्थानों पर भारी ओलावृष्टि और बारिश हुई। नगर के कुछ स्थानों पर तो मंगलवार सुबह तक ओलों की परत जमी हुई नजर आई। ओलावृष्टि और बारिश से तापमान में खासी गिरावट आ चुकी है। मंगलवार की सुबह से बादल छाए थे। दस बजे के आस-पास बादलों के बीच धूप खिली। दो बजे के आसपास से आसमान पूरी तरह बादलों से घिरा। इस दौरान हल्की ओलावृष्टि और बारिश हुई।

    मुनस्‍यारी में न्यूनतम तापमान माइनस एक डिग्री

    मुनस्यारी से मिली जानकारी के अनुसार हिमालय की ऊंची चोटियों सहित उच्च हिमालय में दूसरे दिन भी हिमपात जारी है। मुनस्यारी में दोपहर के आस-पास हल्की ओलावृष्टि व बारिश हुई। हिमनगरी सहित पूरे विकास खंड क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान माइनस एक व अधिकतम छह डिग्री सेंटीग्रेड पहुंच गया है। वहीं, धारचूला के काली नदी घाटी में आसमान बादलों से ढका है और बारिश की संभावना बनी है। जबकि उच्च हिमालयी दारमा और व्यास घाटी में हिमपात हो रहा है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में छियालेख से लेकर चीन सीमा लिपूलेख तक हिमपात जारी है। जिले की बेरीनाग, गंगोलीहाट, गणाई गंगोली, डीडीहाट, कनालीछीना, थल, नाचनी सभी क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बाजारों में चहल पहल कम हो चुकी है। विशेष कर खुले में फड़ लगाने वाले व्यापारी सबसे अधिक प्रभावित हैं।

    फसलों के लिए उपयोगी है बारिश

    मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी ने बताया कि इस समय हो रही बारिश रबी की फसल के लिए उपयोगी है। ओलावृष्टि से विशेष नुकसान नहीं हुआ है, क्योंकि फूल नहीं लगे हैं। ओलावृष्टि सीमित क्षेत्रों में हुई।

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