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बस्ता घर छोड़कर रोज विधायक सौरभ बहुगुणा के घर जाते हैं बाल 'सत्याग्रही' nainital news

सितारगंज स्थित गुजरात अंबुजा कंपनी के श्रमिकों और प्रबंधन के बीच उपजा विवाद शांत नहीं हो रहा। श्रमिकों की मानें तो 208 लोग 41 दिन से आंदोलन में शामिल हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 09 Mar 2020 08:31 AM (IST)Updated: Mon, 09 Mar 2020 08:31 AM (IST)
बस्ता घर छोड़कर रोज विधायक सौरभ बहुगुणा के घर जाते हैं बाल 'सत्याग्रही' nainital news

हल्द्वानी, गोविंद बिष्ट : सितारगंज स्थित रामलीला मैदान में शाम चार बजे बाद बच्चे जुट जाते हैं। यह सिलसिला 28 फरवरी से चल रहा है। उम्र की बात करें तो कोई सात, कोई नौ और पंद्रह साल तक वाले भी हैं। वैसे तो खेलने-कूदने और धार्मिक आयोजन को देखने के लिए बड़ों संग बच्चों का इस मैदान में पहुंचना कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिछले नौ दिन से बच्चे मस्ती  के लिए नहीं, बल्कि आंदोलन में शामिल होने के लिए आते हैं। फिर रैली की शक्ल में स्थानीय विधायक सौरभ बहुगुणा के आवास को निकलते हैं। ताकि अपनी समस्या सुना सकें। हालांकि बच्चों की अब तक बहुगुणा से मुलाकात नहीं हो सकी है।

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41 दिनों से जारी है वेतन समेत अन्‍य मांगों को लेकर आंदोलन

सितारगंज स्थित गुजरात अंबुजा कंपनी के श्रमिकों और प्रबंधन के बीच उपजा विवाद शांत नहीं हो रहा। श्रमिकों की मानें तो 208 लोग 41 दिन से आंदोलन में शामिल हैं। कर्मचारी केआर पांडे के मुताबिक हड़ताल के दौरान 28 कर्मियों को निलंबित करने से बात और आगे बढ़ गई। शुरुआत में सिर्फ कर्मचारी ही धरने पर बैठते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक हालत देख 28 फरवरी से बच्चे भी आंदोलन का हिस्सा बन गए। पढ़ाई और परीक्षाओं के बीच नौनिहाल स्कूल से लौटने के बाद बस्ता घर रख रामलीला मैदान पहुंच जाते हैं। इसके बाद 'हमारे पापा को वेतन दिलाओ' 'कर्मचारियों का उत्पीडऩ बंद करो' लिखे बैनर लेकर रैली निकालते हुए सितारगंज विधायक सौरभ बहुगुणा के घर पहुंचते हैं। हालांकि सितारगंज में सुनवाई न होने पर सभी ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत से मिलने की ठानी, लेकिन उससे पहले पुलिस-प्रशासन ने रोक लिया।

बच्चे जो हल्द्वानी पहुंचे

दृष्टि सतवाल, गरिमा गंगवार, कृष्णा गंगवार, राधा पांडे, भावना पांडे, अनामिका कुमारी, मोनिका पांडे, अनुष्का, अनमोल, मनीष, मन्नू, भावना, आयुष सतवाल, जागृति, वैष्णवी तिवारी आदि शामिल रहे।

पुलिस ने बांटी चॉकलेट

बैंक्वेट हॉल पहुंचने के बाद भी बच्चों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें शांत कराने के लिए चॉकलेट भी बांटी। वहीं, एसडीएम विवेक राय एक बार चोरगलिया पहुंच गए थे, उसके बाद बैंक्वेट हॉल आ गए।

चोरगलिया से पैदल आने लगे थे बच्चे

सूचना मिलने के बाद पुलिस ने चोरगलिया थाने के बाहर ही बस को रोक लिया। जिसके बाद बच्चे बस से नीचे उतर एक बार पैदल ही हल्द्वानी की ओर आने लगे। बाद में बैंक्वेट हॉल में वार्ता कराने की बात कहकर पुलिस उन्हें गौलापार ले आई।

बच्‍चों की बजाए परिजनों को मिलने आना चाहिए

बंशीधर भगत, विधायक व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि मुलाकात के लिए किसी ने मुझसे समय नहीं लिया। मैं हल्द्वानी में भी नहीं हूं। ऐसे में मुझसे मिलने के लिए आने का कोई औचित्य ही नहीं है। बच्चों के बजाय परिजनों को मिलने के लिए आना चाहिए था। फिर भी मैंने बेटे विकास को भेज दिया था। हां, उनकी जायज मांगें मानी जाएंगी, लेकिन फैक्ट्री में तोडफ़ोड़ कर प्रबंधन को परेशान करना ठीक नहीं हैं। ऐसे में कौन उद्योग लगाने आएगा? सही तरीके से अपनी बात करने के लिए आना चाहिए।

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