केंद्र, उप्र और उत्तराखंड सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कैट ने दिया अंतिम मौका
कैट की नैनीताल बेंच में उत्तर प्रदेश में तैनाती के दौरान कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के खनन से संबंधित मामले में केंद्र और राज्य तथा उत्तर प्रदेश सरकार जवाब दाखिल नहीं कर पाई है।
नैनीताल, जेएनएन : केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) की नैनीताल बेंच में उत्तर प्रदेश में तैनाती के दौरान कुमाऊं कमिश्नर राजीव रौतेला के खनन से संबंधित मामले में केंद्र और राज्य तथा उत्तर प्रदेश सरकार जवाब दाखिल नहीं कर पाई है। कैट की बेंच ने तीनों सरकार को अंतिम मौका देते हुए तीन सप्ताह में हर हाल में जवाब दाखिल करने का आदेश पारित किया है।
पूर्व में कोर्ट ने आइएएस राजीव रौतेला के खिलाफ चल रही जांच व आरोप पत्र के क्रियान्वयन पर रोक लगाई थी। तब उत्तरप्रदेश के रामपुर में 2016 में डीएम रहते रौतेला ने खनन पट्टों का नवीनीकरण किया था। जबकि उसी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद रोक लगाते हुए जांच करने के आदेश दिए थे। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आइएएस राजीव रौतेला के खिलाफ जांच शुरू की। साथ ही चार्जशीट उनको थमा दी थी। आइएएस रौतला द्वारा याचिका के माध्यम से सरकार द्वारा की गई जांच व चार्जशीट को केंद्रीय न्यायाधिकरण में चुनौती दी गई। उन्होंने याचिका में कहा कि उनका कैडर उत्तराखंड है, लिहाजा उत्तर प्रदेश सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई का कोई हक नहीं है।
कैट की नैनीताल बैंच के प्रशासनिक सदस्य अजंता दयालम व न्यायिक सदस्य राकेश सागर जैन की संयुक्त पीठ ने मामले में सुनवाई की। इस दौरान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा मामले में जवाब दाखिल नहीं किया गया। पीठ ने तीनों सरकारों को अंतिम मौका देते हुए तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 22 मई नियत की है।
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