Move to Jagran APP

न्याय देवता गोलज्यू भी हाइकोर्ट की शरण में, कोर्ट ने पुजारियों को पक्षकार बनने के दिए निर्देश

कुमाऊं के न्याय देवता गोलज्यू खुद न्याय के लिए कानून की शरण में पहुंच गए हैं। अल्मोड़ा में प्रसिद्ध चितई मंदिर में लूटखसोट बंद करने के लिए गोलज्यू भगवान ही पक्षकार बने हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:27 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 08:27 AM (IST)
न्याय देवता गोलज्यू भी हाइकोर्ट की शरण में, कोर्ट ने पुजारियों को पक्षकार बनने के दिए निर्देश
न्याय देवता गोलज्यू भी हाइकोर्ट की शरण में, कोर्ट ने पुजारियों को पक्षकार बनने के दिए निर्देश

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं के न्याय देवता गोलज्यू खुद न्याय के लिए कानून की शरण में पहुंच गए हैं। अल्मोड़ा में प्रसिद्ध चितई मंदिर में लूटखसोट बंद करने के लिए गोलज्यू भगवान ही पक्षकार बने हैं। हाई कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से पुजारियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी। यह मामला हाई कोर्ट में पहुंचने के बाद सुर्खियों में हैं।

loksabha election banner

गोल्‍ज्‍यू मंदिर का ट्रस्‍ट बनाने की मांग

गोलज्यू देवता के भक्त नैनीताल निवासी युवा अधिवक्ता दीपक रूवाली ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि चितई गोल्ज्‍यू मंदिर में हर साल लाखों का चढ़ावा आता है मगर चंद लोग चढ़ावे की रकम पर अपना अधिकार समझते हैं। याचिका में चितई गोल्ज्‍यू के मंदिर का ट्रस्ट बनाने की मांग की गई है। कोर्ट ने मामले में सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कुछ लोग गोल्ज्‍यू की तरफ से प्रार्थना पत्र लेकर कोर्ट में आए हैं।  उनका कहना है कि मंदिर में लगातार धांधली की जा रही है। प्रार्थना पत्र में चढ़ावे और दान से मिली रकम व अन्य वस्तुओं को जमा करने के लिए बैंक खाता खोलने की मांग गई की है। साथ ही स्पेशल ऑडिट करने व अनियमितताओं की जांच की मांग की है।

पुजारियो को पक्षकार बनने के निर्देश

याचिका में यह भी कहा है कि अब तक के चढ़ावे व आय व्यय का सभी रिकार्ड सार्वजनिक किया जाए, जिसने पैसा लिया है, उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद पुजारियों को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद नियत की गई है।

जानिए गाेलू देवता और चितई मंदिर के बारे में

कुमाऊं के अनेक प्रतिष्ठित देवता हैं— जैसे गोलू, हरू, सैम, ऐरी, गंगनाथ, भोलानाथ, कलबिष्ट, चौमू, भूमिया आदि। ये सभी मध्यकाल के उदार और आदर्शवादी शासक हुआ करते थे जो अपनी क्षेत्री सीमाओं पर विजय प्राप्त कर देवता के समान प्रतिष्ठित हुए। गोलू कुमाऊं के सर्वाधिक प्रतिष्ठा प्राप्त देवता हैं। अन्य देवताओं की तरह ये भी हमारी शारीरिक, मानसिक बाधाओं को दूर कर अध्यात्मिक सुख देते हैं। गोलू को न्याय का देवता भी माना जाता है। गोलू कुमाऊं क्षेत्र के सर्वाधिक लोकप्रिय देवता हैं। लगभग पूरे कुमाऊं में गोलू देवता के मंदिर हर गाँव में हैं। गोलू देवता के तीन मंदिर सर्वाधिक लोकप्रिय और मान्यता प्राप्त हैं- घोड़ाखाल चितई और चम्पावत के मंदिर। चितई में गोलू देवता का मंदिर अल्मोड़ा से छह किलोमीटर की दूरी पर है। आकार में बहुत छोटा यह मंदिर समूचे कुमाऊं के अलावा देशभर के अन्य हिस्सों में भी श्रद्धा का केंद्र है। इस मंदिर के निर्माण के ऐतिहासिक तथ्य तो नहीं मिलते इतना अवश्य है कि 1909 में इसका पुनर्निर्माण हुआ। चितई मंदिर के गर्भगृह में घोड़े पर सवार, हाथ में धनुष-बाण लिए गोलू देवता की प्रतिमा प्रतिष्ठित है। इसमें गोलू देवता ने राजसी वस्त्र धारण किए हुए हैं।

यह भी पढ़ें : छात्रवृत्ति घोटाला मामले में यूपी के छह काॅलेजों के खिलाफ मिले साक्ष्य, भेजी रिपोर्ट 

यह भी पढ़ें : पुलवामा शहीद बीरेंद्र की बरसी पर बच्‍चों ने पूछा, क्‍या पिता आए हैं, सुनकर छलक पड़े मां के आंसू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.