एसआइटी के सत्यापन में चार सौ लोगों द्वारा डेढ़ करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति हडपने का सामने आया मामला
छात्रवृत्ति घोटाला मामले में अब तक हुए 900 लाभार्थियों के सत्यापन में करीब 400 लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से डेढ़ करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति हड़पने की पुष्टि हुई है।
रुद्रपुर, जेएनएन : दशमोत्तर छात्रवृत्ति में हुए घोटाले की एसआइटी परत दर परत खोल रही है। अब तक हुए 900 लाभार्थियों के सत्यापन में करीब 400 लोगों के नाम पर फर्जी तरीके से डेढ़ करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति हड़पने की पुष्टि हुई है। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक अभी भी एससी, एसटी और ओबीसी के हजारों लाभार्थियों का सत्यापन शेष है।
2011-12 में एससी, एसटी और ओबीसी के दशमोत्तर छात्रवृत्ति में अनियमितता मिली थी। इसकी पुष्टि होने के बाद एसआइटी जांच शुरू कर दी गई थी। ऊधमङ्क्षसहनगर में भी जांच शुरू हुई तो एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति से जुड़े दस्तावेज मांगे। दस्तावेज मिलने के बाद एसआइटी ने अध्ययन किया तो पता चला कि 2011 से 2015 तक छात्रवृत्ति की प्रक्रिया ऑफलाइन होती थी, जबकि 2016 से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की गई है। इस पर एसआइटी ने पहले चरण में 2011 से 2015 तक के एससी, एसटी और ओबीसी के लाभार्थियों को चिह्नित कर उनसे पूछताछ शुरू की। एसआइटी अब तक जसपुर, बाजपुर, खटीमा और सितारगंज में करीब 900 लाभार्थियों से पूछताछ की जा चुकी है। मिले साक्ष्यों के आधार पर हरियाणा, मेरठ, मुरादाबाद के नौ शैक्षिक संस्थान समेत कई बिचौलियों में केस दर्ज कर पुलिस चार बिचौलियों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसआइटी अधिकारियों की मानें तो जिले में 900 लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन और पूछताछ में 40 फीसद मामले फर्जी मिले। पूछताछ में करीब 400 चयनित लाभार्थियों ने बताया कि उन्होंने न तो किसी संस्थान में प्रवेश कराया और न ही कभी आवेदन किया था। इसके अलावा उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए भी कभी आवेदन नहीं किया। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक अभी भी हजारों की संख्या में छात्रों का सत्यापन होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि फर्जीवाड़े की संख्या में अभी कई और गुना बढ़ोत्तरी हो सकती है।
बैंक खातों को भी खंगाल रही एसआइटी
दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के दौरान एसआइटी को बैंकों की संलिप्तता की भी संभावना मिली। एक ही बैंक में छात्रवृत्ति लेने वाले कई छात्रों के खाते मिले। एसआइटी ने बैंकों से पत्राचार कर छात्रवृत्ति वाले खातों की रिपोर्ट तलब की थी। इस पर बैंकों ने खातों की रिपोर्ट देने शुरू कर दी थी। एसआइटी अधिकारियों के मुताबिक अब तक एक दर्जन से अधिक बैंकों ने सैकड़ों खातों की डिटेल दे दी है। जिसे एसआइटी खंगाल रही है।
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