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प्राइवेट बस संचलक कर रहे अभद्रता, खटीमा के नाम पर बिठाया और उतार दिया रुद्रपुर में ही

लंबे रूट पर चलने निजी वाली बसों में यात्रियों से अभद्रता और बीच रास्ते में उतारने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्टाफ की मनमानी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 12:50 PM (IST)
प्राइवेट बस संचलक कर रहे अभद्रता, खटीमा के नाम पर बिठाया और उतार दिया रुद्रपुर में ही
प्राइवेट बस संचलक कर रहे अभद्रता, खटीमा के नाम पर बिठाया और उतार दिया रुद्रपुर में ही

हल्द्वानी, जेएनएन : लंबे रूट पर चलने निजी वाली बसों में यात्रियों से अभद्रता और बीच रास्ते में उतारने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्टाफ की मनमानी का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है। मंगलवार को कोतवाली पहुंचे दो युवकों ने खटीमा के नाम पर बस में बिठाने और फिर जबरन रुद्रपुर में उतारने की शिकायत की। आरोप लगाया कि 200 रुपये न देने पर उनका सामान भी नहीं दिया गया।

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खटीमा निवासी मनोज कर्नाटक गिफ्ट आयटम की दुकान चलाते हैं। साथी सुरेश कुमार संग वह खरीदारी करने दिल्ली गए थे। वापसी में बीते सोमवार की रात कश्मीरी गेट दिल्ली से खटीमा जाने की बात तय कर वह एक निजी बस में बैठ गए। मनोज के मुताबिक सुबह दस बजे रुद्रपुर में बस रोककर उनसे उतरने को कहा गया। मना करने पर जबरन उतार दिया गया। कहा गया कि बस खटीमा की बजाय हल्द्वानी जाएगी। इसे लेकर दोनों पक्षों में बहस भी हुई। जब मनोज व उसके साथी ने सामान देने को कहा तो आरोप है कि उनसे 200 रुपये मांगे गए। पैसे नहीं देने पर फिर से मामला गर्मा गया। जिस पर चालक ने बस हल्द्वानी की ओर दौड़ाते हुए कहा कि पैसे देकर सामान ले जाना। जिसके बाद दोनों कोतवाली पहुंचे और पुलिस को आपबीती सुनाई।

लंबी दूरी की सवारी मिलते ही उतारना आम

अक्सर यात्रियों की शिकायत रहती है कि निजी बस वाले उन्हें पहले बैठाते हैं। उसके बाद लंबी दूरी की सवारी मिलने पर उतार देतेे हैं। तब तक दूसरी बस भी निकल जाती है। ऐसी स्थिति में सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं व बच्चों को होती है।

दिल्ली की एक सवारी बिठाने पर एजेंट को सौ रुपये

सूत्रों की मानें तो हल्द्वानी से लेकर दिल्ली बस स्टेशन तक यात्रियों को बहलाकर बस में लाने के लिए बकायदा एजेंट तक रखे जाते हैं। दिल्ली रूट पर एक सवारी लाने पर एजेंट को सौ रुपये मिलते हैं।

केस-1

एक माह पूर्व रानीबाग निवासी दो महिलाए हल्द्वानी से दिल्ली रूट पर चलने वाली एक बस में बैठी। उन्होंने बताया भी कि मुरादाबाद तक जाना था। इस बीच बस में सवारी ज्यादा हुई तो उन्हें ये कहकर उतार दिया गया कि सिर्फ दिल्ली जाने वाले ही बैठेंगे।

केस-2

देवलचौड़ निवासी एक दंपती छोटे बच्चे संग दिल्ली से लौट रहे थे। हल्द्वानी पहुंचने से पहले परिचालक ने कहा कि बच्चे का टिकट नहीं कटाया। बच्चे की उम्र का हवाला देकर भी स्टाफ नहीं माना।

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