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ऊधमसिंह नगर जिले में 410 करोड़ के जीएसटी घोटाला मामले में 40 व्यापारियों पर केस

ऊधमसिंह नगर में 410 करोड़ के जीएसटी घोटाले का मामला सामने आया है। राज्य कर की टीम की जांच के बाद पुलिस ने 40 व्यापारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 09:26 AM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 09:26 AM (IST)
ऊधमसिंह नगर जिले में 410 करोड़ के जीएसटी घोटाला मामले में 40 व्यापारियों पर केस
ऊधमसिंह नगर जिले में 410 करोड़ के जीएसटी घोटाला मामले में 40 व्यापारियों पर केस

रुद्रपुर, जेएनएन : ऊधमसिंह नगर में 410 करोड़ के जीएसटी घोटाले का मामला सामने आया है। राज्य कर की टीम की जांच के बाद पुलिस ने 40 व्यापारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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पुलिस के मुताबिक राज्य कर, एसटीएफ के डिप्टी कमिश्नर रजनीश सच्चिदानंद यशवस्थी ने सौंपी तहरीर में कहा था कि 1 जुलाई 2017 को उत्तराखंड में जीएसटी लागू हुआ। इसके बाद व्यापारियों ने कर देने से बचने के लिए अलग अलग उपाय किए। 16 दिसंबर 2019 को कर से बचने के मामले सामने आने के बाद राज्य कर के स्तर पर राज्य कर विभाग के 12 अधिकारी और कर्मचारियों की टीम गठित कर जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान पता चला कि उत्तराखण्ड राज्य में 70 से अधिक व्यापारियों द्वारा रुद्रपुर, काशीपुर, हल्द्वानी, किच्छा, गदरपुर में विभिन्न पतों पर घोषित व्यापार स्थलों से ईपीए कम्पोनेन्ट ( सामान्य भाषा में प्लास्टिक दाना) एवं चप्पल की खरीद/बिक्री की गई दर्शाई गई थी।

यह खरीद/बिकी वस्तुओं के पारगमन के लिए बनाई गई ई-वे बिल के माध्यम से की गई थी। इसमें 70 व्यापारियों द्वारा 8500 करोड़ मूल्य के माल का पारगमन किया गया। इस खरीद/बिक्री में उधमसिंह नगर की गदरपुर, किच्छा और रुद्रपुर के 40 व्यापारियों ने अपने व्यापार स्थल घोषित किए थे। इसके बाद उधमसिंह नगर की गदरपुर, किच्छा और रुद्रपुर तहसीलों में 40 व्यापारियों के व्यापार स्थलों की जांच करवाई गई। जांच में पता चला कि 40 फर्मो / व्यापारिक प्रतिष्ठानों में से कोई भी फर्म उनके द्वारा जीएसटी अभिलेखों में घोषित एवं पंजीकृत किए गए व्यापारिक स्थल / निर्माण स्थल पर नही है। न ही व्यापार करती है।

इसके अलावा गदरपुर, किच्छा और रुद्रपुर तहसीलों के जिन पतों पर व्यापार स्थल घोषित किए गए थे, उनमें से कुछ में व्यापारिक स्थल के रूप में ऐसे पते दिखाए गए थे, जो पते सत्यापित नहीं हो सके थे। अधिकांश मामलों में व्यापार स्थल के रूप में जिन जगहों को दिखाया गया था, उनमें मकान मालिकों के नाम के इंटरनेट से डाउनलोड किए गए थे और बिजली के बिलों को एडिट करके, व्यापार स्थल के पते के

प्रूफ के रूप में लगाया गया था। मामले में रुद्रपुर, गदरपुर, किच्छा तहसीलों में घोषित किए गए पतों से ईवीए. कम्पोनेन्ट एवं चप्पल की खरीद/बिक्री करने वाले 40 व्यापारियों ने 473 करोड़ के माल की खरीद की गई और 2511 करोड़ रुपये के माल की बिक्री की गई। जिसकी खरीद/बिक्री में करीब 410 करोड़ का जीएसटी कर का राजस्व निहित है। इधर, मामले की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित व्यापारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

इनके खिलाफ हुआ मुकदमा

अनुज कसाना निवासी जगतपुरा, गुठ देव निवासी धर्मपुर, संजय राघव निवासी संजयनगर खेड़ा, बिटटू निवासी रुद्रपुर, कृष्णलाल निवासी रुद्रपुर, बाबू राम निवासी दूधियानगर, कल्लू निवासी दूधियानगर, राजू तिवारी निवासी रुद्रपुर, रोहित पासवान निवासी रुद्रपुर, राहुल निवासी रुद्रपुर, शोभा देवी निवासी रुद्रपुर, सोनू निवासी रुद्रपुर, सुनीता निवासी खेड़ा, शमसुददीन निवासी रुद्रपुर, पंकज जोशी निवासी भगत सिंह चौक, विजय अग्रहरि निवासी कल्याणी व्यू, हकम निवासी रुद्रपुर, कुलजीत निवासी रुद्रपुर, विकास पुंडीर निवासी सिविल लाइन रुद्रपुर, अमल गोयल निवासी रुद्रपुर, मनीष पाल निवासी रुद्रपुर, योगेश निवासी पत्थरकुई, गदरपुर, मोहित निवासी पत्थरकुई गदरपुर, सौरभ शर्मा निवासी हरिमंदिर गली रुद्रपुर, हरीश रावत निवासी चक्रधारी धर्मशाला रोड़ किच्छा, तीरथ सिंह निवासी आजानगर किच्छा, दीपक रावत निवासी शिमला बहादुर रुद्रपुर, रमन तिवारी निवासी आदर्श कालोनी रुद्रपुर, चंद्रा देवी निवासी रम्पुरा, सितारगंज, रोहित पासवान निवासी रम्पुरा, सितारगंज, केवी रॉयल निवासी रुद्रपुर, योगेश कुमार निवासी रुद्रपुर, सुनीता, रणवीर सिंह निवासी रुद्रपुर, मनमोहन सिंह निवासी रुद्रपुर, रतन तिवारी निवासी रुद्रपुर ।

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