काेरोना का असर मुनस्यारी के पर्यटन कारोबार पर भी पड़ा, पर्यटकों की संख्या कम हुई
कैलास मानसरोवर यात्रा व भारत चीन व्यापार के बाद अब मुनस्यारी के पर्यटन पर भी कोरोना का ग्रहण लगा है। रवरी से दस मार्च तक मुनस्यारी आने वाले पर्यटकों की संख्या घटकर छह सौ हुई।
मुनस्यारी, जेएनएन : कैलास मानसरोवर यात्रा व भारत चीन व्यापार के बाद अब मुनस्यारी के पर्यटन पर भी कोरोना का ग्रहण लगा है। फरवरी से दस मार्च तक मुनस्यारी आने वाले पर्यटकों की संख्या घटकर छह सौ पहुंच गई है। हालांकि पिछले वर्ष इस दौरान आठ हजार लोगों ने यहां की सैर की थी। इसके साथ ही गर्मियों में आने वाले पर्यटकों की बुकिंग भी तेजी से रद होने लगी है। मुनस्यारी में 31 होटल, लॉज व पर्यटक आवास गृह बने हैं। इतने ही होम स्टे भी हैं। होटल एसोसिएशन के पीसी पांडेय बताते हैं कि बीते वर्षों तक मध्य मार्च तक बुकिंग की भरमार होती थी। इस वर्ष सीमित बुकिंग आई थी, जिसमें भी अधिकतर रद होने लगी हैं।
ट्रेकिंग पर भी प्रभाव
उच्च हिमालय में विश्व प्रसिद्ध मिलम ग्लेशियर, रालम ग्लेशियर, नंदा देवी बेस कैंप, नंदा देवी ईस्ट सहित अन्य मार्गों पर होने वाली ट्रेकिंग के भी प्रभावित होने की आशंका है। मई-जून से इन रू टों पर ट्रेकिं ग होने लगती है। यदि कोरोना का खौफ बना रहा तो इस वर्ष ये रूट सूने ही रहेंगे। इससे जुड़े टूर ऑपरेटर, पौनी, पोट्र्स पर संकट गहरा जाएगा।
मुनस्यारी सीएचसी में जांच की व्यवस्था ही नहीं
कोरोना से निपटने के लिए मुनस्यारी के सीएचसी में कोई व्यवस्था नहीं है। यहां पर देशी, विदेशी पर्यटक सीमित संख्या में आ रहे हैं, लेकिन जांच की व्यवस्था नहीं होने से लोग डरे हुए हैं। इस समय भी मुनस्यारी में सात विदेशी पर्यटक हैं।
पूरे देश के सामने यह संकट का समय
अमित लोहनी, जिला पर्यटन अधिकारी, पिथौरागढ़ ने बताया कि मुनस्यारी में बुकिंग रद होने की सूचना मिली है। अभी तक कितने पर्यटकों ने अपनी बुकिंग रद की है इसकी वास्तविक जानकारी नहीं मिल पाई है। कोरोना के कारण इस समय पूरे देश में एक जैसे ही हालात हैं, जिसका प्रभाव मुनस्यारी के पर्यटन पर भी पड़ रहा है। सीएमओ पिथौरागढ़ डॉ. ऊषा गुंज्याल का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए पूरी तैयारी है। जिले में स्क्रीनिंग की जा रही है। सभी सीएचसी, पीएचसी में लोगों को जागरू क किया जा रहा है।
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