स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अस्तित्व में आने से पहले ही कैंसर मरीजों के हो सकेंगे ऑपरेशन
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अस्तित्व में आने से पहले ही कैंसर रोगियों के ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी कर ली है।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट हल्द्वानी के अस्तित्व में आने से पहले ही कैंसर रोगियों के ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने तैयारी कर ली है। इससे कैंसर ग्रस्त मरीजों को दूसरे राज्यों में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 120 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संस्थान के लिए केंद्र सरकार ने 30 करोड़ रुपये आवंटित भी किए हैं।
दो आंको सर्जन समेत होगा पूरा स्टाफ
इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. केसी पांडे ने बताया कि स्वामी राम कैंसर संस्थान के पहली मंजिल पर ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था है। कुछ मशीनों के साथ ही दो आंको सर्जन, नर्सिंग स्टाफ व वार्ड ब्वाय को नियुक्त किया जाना है। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए शासन से 22 विभागों के लिए 152 पद स्वीकृत हैं।
2010 में शुरू हुआ कैंसर का इलाज
पूर्व सीएम स्वर्गीय एनडी तिवारी की पहल पर मेडिकल कॉलेज के अधीन स्वामी राम कैंसर संस्थान बनाया गया। वर्ष 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अस्पताल का उद्घाटन किया। तब से कैंसर का विधिवत इलाज शुरू हुआ।
प्रतिमाह 1200 मरीजों का इलाज
कैंसर इंस्टीट्यूट में प्रतिमाह 1000 से 1200 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। कुमाऊं के अतिरिक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले से भी मरीज उपचार के लिए आते हैं। डॉ. पांडे का कहना है कि इसमें सबसे अधिक गले और फिर फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या है।
स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे
डॉ. केसी पांडे, निदेशक, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट ने बताया कि वन भूमि का मामला निपटने तक कैंसर की सर्जरी शुरू करा दी जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए आंको सर्जन समेत स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे। सर्जरी होने के बाद क्षेत्र के मरीजों को लाभ मिलेगा।
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