Move to Jagran APP

Banbhoolpura: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान किया इस बात का जिक्र, तो क्‍या निकल सकता है पुनर्वास का रास्ता

Banbhoolpura सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं व रेलवे पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद 50 हजार लोगों के हित में हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्वास की योजना का जिक्र भी किया।

By Deep belwalEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 06 Jan 2023 10:53 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jan 2023 10:53 AM (IST)
Banbhoolpura: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान किया इस बात का जिक्र, तो क्‍या निकल सकता है पुनर्वास का रास्ता
Banbhoolpura: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मानवीय दृष्टि से लोगों को देखा जाना चाहिए। पुनर्वास की योजना भी होनी चाहिए।

दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : Banbhoolpura: बनभूलपुरा के लोगों को राहत मिलती हुई नजर आ रही है। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को सुनवाई के बाद इसके संकेत दिए हैं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मानवीय दृष्टि से लोगों को देखा जाना चाहिए। इनके रहने के लिए पुनर्वास की योजना भी होनी चाहिए।

loksabha election banner

हाई प्रोफाइल हो चुका है अतिक्रमण का मामला

बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण का मामला हाई प्रोफाइल हो चुका है। गुरुवार को हर किसी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसला पर थी। सुप्रीम कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं व रेलवे पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद 50 हजार लोगों के हित में हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया।

साथ ही सरकार से पूछा है कि पुनर्वास की कोई योजना है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद लोगों में नई उम्मीदों का संचार हुआ है। पुनर्वास की उम्मीद को बल मिलता दिखाई दे रहा है। रेलवे जिन्हें अतिक्रमण मान रहा है उनका दावा है कि वह 60 साल से यहां रह रहे हैं, उनके पास दस्तावेज भी उपलब्ध हैं।

यह भी पढ़ें : Banbhoolpura: फिर बनभूलपुरा के लोगों की ढाल बनी कांग्रेस, 15 साल पहले भी हुआ था ऐसा, बने थे तनावपूर्ण हालात

स्थिति साफ होती नजर आ रही है कि लोगों के साथ सुप्रीम न्याय मिल सकता है। किसी प्रकार उन्हें अगर यहां से हटाया भी जाएगा तो रहने के इंतजाम सरकार या रेलवे दोनों में से किसी एक को करना होगा। लोग दस्तावेज दिखाने में सफल होते हैं तो वह मूल जगह पर भी बने रह सकते हैं। हालांकि इस मामले में अगली सुनवाई तक असमंजस का कुहासा छंट जाएगा।

पांच कंपनी आरपीएफ और दो कंपनी पीएसी वापस लौटी

सुप्रीम स्टे के बाद सारी तैयारी धरी रह गई। रेलवे स्टेशन में तैनात आरपीएफ की पांच कंपनी व बनभूलपुरा में मुस्तैद दो कंपनी पीएसी गुरुवार को वापस लौट गई। रेलवे स्टेशन व बनभूलपुरा में लगे बैरियरों को भी देर शाम तक हटाना शुरू हो गया था।

रेलवे स्टेशन की सुरक्षा के लिए एक जनवरी को पांच कंपनी आरपीएफ तैनात कर दी गई थी। वहीं, बनभूलपुरा में पांच कंपनी पीएसी तैनात थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार तीन कंपनी पीएसी पहले से रिजर्व रहती है। दो कंपनी पीएसी बुलाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाने तक बनभूलपुरा में पीएसी तैनात थी।

यह भी पढ़ें : Uttarakhand News: प्रदेश में अतिक्रमण के मामले तेजी से बढ़े, कई क्षेत्रों में फूल-फल रहे हैं 'बनभूलपुरा'

फैसला लोगों के पक्ष में आने पर क्षेत्र में शांति व्यवस्था रही। शाम चार बजे के बाद पीएसी को वापस बुला लिया गया था। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ को वापस बरेली बुला लिया है। स्थानीय आरपीएफ कर्मचारी रेलवे स्टेशन की निगरानी करेंगे।

सुबह घेराबंदी, शाम को हटाए बैरियर

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बनभूलपुरा के लोगों को स्टे मिलने तक पुलिस व खुफियां एजेंसियां अलर्ट रहीं। बनभूलपुरा लाइन नंबर 17 व ताज मस्जिद के पास बैरियर लगाकर घेराबंदी कर दी गई थी। स्टे मिलते ही माहौल बदल गया। लोग खुश थे। पुलिस ने सुबह लगाए बैरियरों को शाम होते ही हटा दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.