स्थायी राजधानी के मुद्दे पर तीन मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान गैरसैंण में होगा प्रदर्शन Nainital News
गैरसैंण को प्रदेश की स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति 3 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र के दौरान गैरसैंण में प्रदर्शन करेगी। शनिवार को इसकी रणनीति तय की गई।
अल्मोड़ा, जेएनएन : गैरसैंण राजधानी संयुक्त संघर्ष समिति ने गैरसैंण को प्रदेश की स्थायी राजधानी घोषित करने की पुरजोर वकालत की है। शनिवार को मां अगनेरी मंदिर सभागार कक्ष में संपन्न चिंतन गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि गैरसैंण राज्य की अस्मिता व जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। इसे साकार करने के लिए जनता को संगठित होकर आवाज उठानी होगी। तीन मार्च से गैरसैंण में शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान प्रदर्शन करने का एलान किया।
राजनीतिक पार्टियों की भूमिका पर सवाल
पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी ने गैरसैंण स्थायी राजधानी के मुद्दे पर सियासी पार्टियों की भूमिका पर कई सवाल उठाए। कहा कि गैरसैंण के बिना आज भी उत्तराखंड राज्य की अवधारणा अधूरी है। गैरसैंण राजधानी को लेकर पूर्व में हुए तमाम आंदोलनों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कहा कि अलग उत्तराखंड राज्य के तर्ज पर गैरसैंण के लिए एक बड़ा आंदोलन खड़ा करना होगा।
संघर्ष समिति गठित करने का सुझाव
डॉ. कुलदीप बिष्ट, रंगकर्मी जसी राम आर्य, गजेंद्र नेगी, पूर्व एडीओ लीलाधर मठपाल राकेश नाथ व अमर सिंह रावत ने गांव गांव में संघर्ष समितियों के गठन का सुझाव दिया। तय किया गया कि तीन मार्च को गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र के दौरान वृहद प्रदर्शन किया जाएगा। गत वर्ष गैरसैंण में हुए आंदेालन के दौरान 44 लोगों पर दर्ज फर्जी मुकदमे वापस लेने की मांग भी की गई।
गोष्ठी में यह लोग रहे मौजूद
अध्यक्षता नारायण सिंह बिष्ट व संचालन डॉ. कुलदीप बिष्ट ने किया। इस अवसर पर सुरेंद्र मनराल, दरवान बिष्ट, कैलाश गैरोला, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष राजेंद्र कांडपाल, विनोद कुमार, गोकुल कांडपाल, त्रिलोक सिंह नेगी, गोबिंद मनराल, केवल रावत, प्रकाश नैनवाल व चंदन सिंह आदि ने विचार रखे।
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