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    चालाक माही के महंगे शौक... 3 दिन में ATM से निकाले एक लाख; गुड़गांव के होटल व महंगे फ्लैट में शातिर ने ली शरण

    By Deep belwalEdited By: riya.pandey
    Updated: Sun, 23 Jul 2023 07:48 PM (IST)

    Ankit Murder Case हत्या काे आत्महत्या दिखाने की कोशिश करने वाली शातिर माही उर्फ डौली पुलिस से बच नहीं पाई। नौकरानी के घर के बाद उसने प्रेमी के संग गुड ...और पढ़ें

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    Ankit Murder Case: गुड़गांव के होटल व महंगे फ्लैट में शातिर माही ने ली शरण

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: हत्या काे आत्महत्या दिखाने की कोशिश करने वाली शातिर माही उर्फ डौली पुलिस से बच नहीं पाई। नौकरानी के घर के बाद उसने प्रेमी के संग गुड़गांव के होटल व एक महंगे फ्लैट में शरण ली। तीन दिन पहले दिल्ली के एटीएम से एक लाख रुपये निकाले, जिसमें से 45 हजार रुपये खर्च कर दिए। 55 हजार रुपये उसके पास से बरामद हुए हैं।

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    चालाक माही के महंगे शौक

    गोरापड़ाव के शांतिविहार कालोनी में रहने वाली माही के शौक जितने महंगे हैं, वह उतनी ही चालाक है। अंकित को मारने के लिए उसने कोबरा से डसवाने की साजिश खुद रची। इसके लिए कोई नाटक या फिल्म नहीं देखी। उसकी प्लानिंग थी कि अगर सांप से कटवाएगी तो पुलिस को भटका सकती है।

    वारदात के बाद दिल्ली पहुंची शातिर

    14 जुलाई को वारदात के बाद वह दिल्ली पहुंची, वहां बहन ने शरण नहीं दी। इसके बाद रोडवेज बस से अपने प्रेमी दीप कांडपाल, नौकरी ऊषा, नौकर के पति रामअवतार व उसके बच्चों व सपेरे के साथ पीलीभीत पहुंची। 16 जुलाई को सभी बरेली पहुंचे। यहां से नौकर व नौकरानी अपने बच्चों के साथ बिहार जाने की बात कहकर ट्रेन से निकले। माही व उसका प्रेमी दीप कांडपाल रोडवेज बस से गुडगांव पहुंच गए। जहां दोनों एक दिन महंगे होटल में रहे। इसके बाद एक फ्लैट में शरण ले ली थी।

    एसएसपी पंकज भट्ट के अनुसार,  तीन दिन पहले माही ने दिल्ली के एक एटीएम से एक लाख रुपये निकाले। जिसमें से 45 हजार रुपये खर्च कर दिए हैं। हत्यारोपित रामपुर रोड से रुद्रपुर होते हुए दिल्ली पहुंचे थे।

    काल डिटेल बना हथियार

    माही का प्रेमी दीप कांडपाल शराब बेचने का काम करता है। गुड़गांव का एक व्यक्ति उसे शराब भेजता था। वारदात के बाद दीप की उससे बातचीत हुई। इसी काल डिटेल के आधार पर पुलिस को काफी मदद मिली। इससे पहले बंगाल से आई एक मिस काल ने पुलिस को उलझाया। पुलिस की एक टीम गुडगांव पहुंची तो माही व दीप रुद्रपुर पहुंच गए थे।

    हरियाणा के रसूखदारों से भी माही का संपर्क

    माही का नेटवर्क बड़ा है। हरियाणा के रसूखदारों से भी उसके नजदीकी संबंध थे। माही के घर एचआर नंबर की गाड़ियां आती थी। इसके अलावा माही खुद भी हरियाणा तक मिलने पहुंच जाती थी।