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    राज्य बनने के बाद हिरासत से भागे 15 कैदी

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Wed, 12 Apr 2017 06:00 AM (IST)

    राज्य बनने के बाद अब तक हल्द्वानी उपकारागार के 15 कैदी कारागार व पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुके हैं। इसमें से तीन कैदियों को अब तक पुलिस नहीं ढूंढ पाई है।

    राज्य बनने के बाद हिरासत से भागे 15 कैदी

    हल्‍द्वानी, [संदीप मेवाड़ी]: सितारगंज की सेंट्रल जेल से पत्‍नी के हत्यारे के फरार होने के बाद कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल खड़ा हो गया है। अब पुलिस व कारागार महकमे के आला अफसर प्रदेश भर में कारागार व पुलिस अभिरक्षा के फरार होने के मामलों का अध्ययन करने लगे हैं। राज्य बनने के बाद अब तक हल्द्वानी उपकारागार के 15 कैदी कारागार व पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुके हैं। इसमें से तीन कैदियों को अब तक पुलिस नहीं ढूंढ पाई है।

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    हल्द्वानी उपकारागार के रिकार्ड बताते हैं कि वर्ष 2002 में तीन कैदी फरार हुए थे। इसमें एक कैदी कारागार से और एक कैदी न्यायालय ले जाते समय और एक लखनऊ के अस्पताल में उपचार के दौरान पुलिस अभिरक्षा से भागा था। लखनऊ के केजीएमसी अस्पताल से भागे कैदी इब्राहीम निवासी ग्राम कन्नौरी, बाजपुर, ऊधम सिंह नगर को पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है। हालांकि अन्य दोनों कैदियों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली थी। 

    वर्ष 2007 में एक कैदी पुलिस अभिरक्षा से फरार को कुछ समय बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 2008 में दो कैदी पुलिस अभिरक्षा से कोर्ट ले जाते समय फरार हुए। इसमें शामिल हेमराज निवासी पतियामाफी, पाकवाड़ा, मुरादाबाद को भी पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है। 

    वर्ष 2009 में कारागार से मुराद अली निवासी कुताला कालोनी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर फरार हो गया। इसे पुलिस छह साल बाद वर्ष 2015 में पकड़ पाई। वर्ष 2015 में तीन कैदी फरार हुए थे। इसमें दो कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने के दौरान भागे, जबकि एक डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल से कारागार कर्मचारियों को चकमा देकर फरार हो गया। वर्ष 2015 में फरार कैदी मोइन निवासी बधिवाला पीपलसाना, भेाजपुर, मुरादाबाद को भी 

    पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है। वर्ष 2011 में एक कैदी, वर्ष 2013 में तीन कैदी व वर्ष 2015 में एक कैदी पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए थे। ये सभी कैदी बाद में पुलिस ने पकड़कर न्यायालय के आदेश पर जेल में दाखिल किए।

    जेल से कैदी फरार होने के बाद जेल में चौकसी बढ़ाई गई है

    वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य का कहना है कि सितारगंज सेंट्रल जेल से कैदी फरार होने के बाद जेल में चौकसी बढ़ाई गई है। राज्य बनने के बाद से अब तक जेल व पुलिस अभिरक्षा से फरार कैदियों का रिकार्ड कारागार मुख्यालय में भेजा गया है। 

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