चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को करारा जबाब देगी जनता, उक्रांद महानगर इकाई के द्विवार्षिक अधिवेशन में बोले पदाधिकारी
उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक बीडी रतूड़ी ने भाजपा-कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दलों ने बारी-बारी से राज्य को लूटा है। अब जनता समझ चुकी है कि राज्य के लिए संघर्षशील रहे दल को ही सत्ता सौंपनी चाहिए।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक बीडी रतूड़ी ने भाजपा-कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दलों ने बारी-बारी से राज्य को लूटा है। अब जनता समझ चुकी है कि राज्य के लिए संघर्षशील रहे दल को ही सत्ता सौंपनी चाहिए। उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित महानगर इकाई के द्विवार्षिकक अधिवेशन में उन्होंने कहा कि उक्रांद के प्रति जनता का विश्वास बढ़ा है। आज बड़ी संख्या युवा राज्य को बचाने के लिए दल के साथ आ रहे हैं। दल के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हरीश पाठक ने कहा कि राज्य बदहाल, युवा हताश और भ्रष्टाचार चरम पर है।
राज्य को बचाने के लिए जनता को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को करारा जबाब देना होगा। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष किरन रावत ने महानगर की द्विवाॢषक रिपोर्ट, जबकि दीपक मधवाल ने राजनैतिक प्रस्ताव पटल पर रखे। जिन्हें ध्वनिमत से पारित किया गया। इस दौरान लताफत हुसैन, केएन डोभाल, जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, राजेंद्र बिष्ट, जबर सिंह पावेल, वीरेंद्र रावत, प्रमिला रावत, सुलोचना इष्टवाल ने भी विचार रखे। सुरेंद्र पटवाल, प्रताप कुंवर, मनोज ममगाईं, धर्मेंद्र कठैत, शिव प्रसाद सेमवाल आदि भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी ने की।
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ये रखीं मांगें
- स्मार्ट सिटी के तहत किए कार्यों व व्यय संबंधी जानकारी सार्वजनिक करें।
- बिजली, पानी व हाउस टैक्स की बढ़ोत्तरी वापस लिया जाए।
- पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की दामों से वैट कम करें।
- कोरोनाकाल के दौरान निजी स्कूलों के बच्चों की फीस माफ की जाए।
- टोल टैक्स से स्थानीय निवासियों को मुक्त रखा जाए।
- नगर निगम ने कितना सैनिटाइजर इस्तेमाल किया, उसकी कीमत सहित पूर्ण विवरण सार्वजनिक करें।
- जिलाधिकारी कार्यालय पूर्व की भांति आमजन के लिए खोला जाए।
- उद्योगों में 70 फीसद स्थानीय युवाओं को रोजगार की बाध्यता का कड़ाई से पालन।
- चमोली त्रासदी में प्रभावितों एवं मृतकों की संख्या, मुआवजा राशि व सुविधाओं का ब्योरा सार्वजनिक करें
- आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया पुन: शुरू करें।
- विधानसभा में स्व. जसवंत सिंह बिष्ट व राज्य आंदोलन के प्रणेता स्व. इंद्रमणि बड़ोनी की प्रतिमा स्थापित की जाए।
- प्रवासियों के रोजगार के लिए सरकार कारगर नीति बनाए।
- आपराधिक घटनाओं की रोकथाम के लिए बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन की प्रक्रिया अनवरत रूप से चलती रहे।
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