Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    माइनस टेम्‍परेचर वाले इलाकों में पानी गर्म करने की नई टेक्‍नीक, वॉटर हीटर से मुक्ति; कार्बन उत्सर्जन होगा कम

    Updated: Sun, 16 Mar 2025 02:24 PM (IST)

    Solar Energy हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा में 9000 फीट की ऊंचाई पर स्थित बालिका आश्रम को सौर ऊर्जा से गर्म पानी की सुविधा मिली है। सीबीआरआइ ने अत्यधिक ठंडे मौसम के लिए ऊर्जा-कुशल सौर-सहायता प्राप्त हीट पंप तकनीक विकसित की है। यह तकनीक शून्य और इससे कम तापमान से कुशलतापूर्वक ऊष्मा स्थानांतरण में सक्षम है ।

    Hero Image
    Solar Energy : बालिका आश्रम में लगाया गया सौर सहायता प्राप्त हीट पंप। साभार संस्थान

    जागरण संवाददाता, रुड़की । Solar Energy : केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ) रुड़की की ओर से हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के गांव कल्पा में नौ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बालिका आश्रम को सौर तापीय ऊर्जा से गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए संस्थान ने अत्यधिक ठंडे मौसम के लिए ऊर्जा-कुशल सौर-सहायता प्राप्त हीट पंप तकनीक विकसित की है। इस तकनीक से पर्वतीय क्षेत्रों को काफी मदद मिलेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संस्थान के निदेशक आर प्रदीप कुमार एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक एसके नेगी ने बताया कि उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वर्ष भर गर्म पानी की आवश्यकता रहती है। वहीं, पारंपरिक वाटर हीटर अत्यधिक ऊर्जा की खपत करते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए तकनीक विकसित की गई है।

    यह भी पढ़ें- Uttarakhand Weather: मौसम ने ली करवट, तेज हवाओं संग बूंदाबांदी से गिरा पारा; बदरी-केदारनाथ, हेमकुंड में बर्फबारी

    कुशलतापूर्वक ऊष्मा स्थानांतरण में सक्षम यह प्रणाली

    यह प्रणाली शून्य और इससे कम तापमान से कुशलतापूर्वक ऊष्मा स्थानांतरण में सक्षम है। जिससे ठंडे मौसम में भी लगातार गर्म पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस तकनीक में एक नवीन वाष्पीकरण ट्यूब का भी इस्तेमाल किया है, जिससे इसकी दक्षता में सुधार हुआ है। इसमें बिजली की खपत को 60 से 75 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

    यह तकनीक आवासीय उपयोग के अलावा व्यवसायिक अपार्टमेंट और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिए भी उपयुक्त है। यह तकनीक कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को भी कम करती है। तकनीक विकसित करने में विज्ञानी डा. चंदन स्वरूप मीना और उनके साथी भी शामिल रहे।

    जागरण आर्काइव।

    वर्षा से पहले ही कालोनी में होने लगा जल भराव

    रुड़की के पनियाला रोड स्थित शिवपुरम कालोनी के लोगों को वर्षाकाल से पहले ही जल भराव की चिंता सताने लगी है। इसकी वजह यह है कि पानी की निकासी पूरी तरह से बंद कर दी गई है। जिसकी वजह से सात वार्डों का पानी इस इलाके में धीरे-धीरे भरना शुरू हो गया है। मच्छरों का जबरदस्त प्रकोप होने के साथ ही शिवपुरम कालोनी में जल जनित रोगों के बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

    यह भी पढ़ें- Instagram पर दोस्ती के बाद युवती से ठगी और दुष्कर्म, नौकरी दिलाने का झांसा देकर बनाया शिकार

    अधिकारियों एववं महापौर के निरीक्षण के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। रुड़की शहर के सात वार्डों का पानी शिवपुरम कालोनी के पास से रेलवे की पुलिया से होकर सीधे शीला खाला नाले में चला जाता था लेकिन रुड़की-देवबन्द रेल लाइन के निर्माण के बाद से इस पुलिया को बंद कर दिया गया। इसके बाद पानी को रहीमपुर से होकर निकाला गया।

    रहीमपुर में जल भराव होने एवं किसानों की फसल के खराब होने पर किसानों ने इसका विरोध किया और पानी की निकासी को बंद करा दिया। जिसकी वजह से पूरा पानी अब कालोनी में भर रहा है। लोगों ने पिछले दिनों जमकर हंगामा भी किया था।जिस पर महापौर अनीता देवी अग्रवाल, नगर आयुक्त राकेश चंद्र तिवारी ने निरीक्षण किया था। 

    comedy show banner
    comedy show banner