नेत्रहीनों को दुनिया दिखा रहा श्री गंगा माता आई हॉस्पिटल
हरिद्वार स्थित श्री गंगा माता आई हास्पिटल पिछले ढाई दशक से नेत्रहीनों की दुनिया को रोशन कर रहा है। हास्पिटल में रोजाना 250 से 300 लोगों के नेत्रों की ...और पढ़ें

हरिद्वार, [जेएनएन]: श्री गंगा माता आई हास्पिटल पिछले ढाई दशक से नेत्रहीनों की दुनिया को रोशन कर रहा है। हास्पिटल की स्थापना जिस उद्देश्य से की गई थी, उस उद्देश्य को प्राप्त कर हास्पिटल आज काफी आगे निकल चुका है।
अन्य आई हास्पिटलों की अपेक्षा गंगा माता हास्पिटल में रोजाना 250 से 300 लोगों के नेत्रों की जांच की जाती है। इनमें से 50 फीसद की आंखों का ऑपरेशन, रहने-खाने व लाने-ले जाने की सुविधा भी निश्शुल्क मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा 10 रुपये के पर्चे पर महीनेभर तक उन्हें दवाई भी दी जाती है।
वर्ष 1993 में सुनाम संगरूर (पंजाब) निवासी एलएम गोयल ने श्री गंगा माता चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत हरिद्वार में श्री गंगा माता आई हास्पिटल की स्थापना कराई थी। उद्देश्य था किसी गरीब, असहाय या मध्यम वर्ग के व्यक्ति के नेत्रहीन हो जाने पर उसकी दुनिया को रोशन करना। शुरुआत में हास्पिटल की ओर से 10-15 लोगों के नेत्रों की निश्शुल्क जांच कर उनका ऑपरेशन व रहने-खाने का प्रबंध किया जाता था।
लेकिन, धीरे-धीरे मरीजों की संख्या बढ़ने लगी और आज हास्पिटल प्रबंधन की ओर से रोजाना 250 से 300 मरीजों की जांच कराई जा रही है। हास्पिटल प्रबंधन शिविरों में चिह्नित मरीजों के उपचार, रहने-खाने, आने-जाने, दवाई आदि का खर्च भी स्वयं उठाता है। श्रीगंगा माता चैरिटेबल ट्रस्ट के सचिव ओपी बंसल बताते हैं नारसन, रुड़की व भगवानपुर ब्लॉक के अलग-अलग गांवों में हर माह दो से तीन कैंप लगाये जाते हैं।
लगाए जा चुके 900 से अधिक कैंप
ट्रस्ट के सचिव ओपी बंसल बताते हैं कि वर्ष 1993 से लेकर 2015 तक 919 नेत्र परीक्षण कैंप लगाये जा चुके हैं। इस दौरान 299869 लोगों के नेत्रों का परीक्षण किया गया। इनमें से 8708 लोगों की आंखों का ऑपरेशन, 41007 का लैंस प्रत्यारोपण व 45 लोगों की आंखों में ग्लूकोमा की शिकायत को दूर किया गया।
बीते माह आंख का ऑपरेशन हुआ और रोशनी भी लौट आई
वहीं, भगवानपुर निवासी तुकाराम कुमार का कहना है कि परिवार की गुजर के लिए बीते 15 साल से रिक्शा चला रहा हूं। तीन माह पूर्व एक दुर्घटना में मेरी बायीं आंख की रोशनी चली गई। हास्पिटल की ओर से लगाये गए कैंप में जांच कराई तो चिकित्सकों ने रोशनी वापस आने का भरोसा दिलाया। बीते माह आंख का ऑपरेशन हुआ और रोशनी भी लौट आई।

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