कार्बेट और राजाजी पार्क में सालों बाद हाथी की सवारी
विश्व प्रसिद्ध राजाजी टाइगर रिजर्व और कार्बेट पार्क सैलानियों के लिए खोल दिया गया है। अब आप न सिर्फ जंगल सफारी बल्कि हाथी की सवारी का आनंद ले सकेंगे।

हरिद्वार, [जेएनएन]: कार्बेट पार्क और राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की चीला ओर रानीपुर रेंज में प्रवेश करते ही पर्यटकों के चेहरे पर मोर व हिरण सहित अन्य वन्य जीवों को देखने के बाद मुस्कान की झलक अलग ही कहानी बयां कर रही थी। यह नजारा सुबह रेंज का रहा, जहां देशी विदेशी पर्यटकों को हाथी, नील गाय, हिरन के दीदार हुए।
जंगली सुंअर व अन्य वन्य जीव पार्क में प्रवेश करते ही सैलानियों को कुछ दूरी पर लैपर्ड के पद चिन्ह दिखायी दिये। आपको बता दें कि नौ साल बाद हाथी की सफारी शुरू हुई है।
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वन्यजीव प्रेमियों के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की चीला रेंज, रानीपुर रेंज, मोतीचूर रेंज, आशारोड़ी रेंज, चिल्लावाली रेंज, रशियाबड़ रेंज सहित सभी 9 रेंजों के गेट पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं।
चीला रेंज के मुख्य द्वार पर राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन सोनकर ने रिबन काटकर व ताला खोलकर पार्क का गेट खोला। इस दौरान चीला रेंज में विदेशी व देशी सैलानियों ने पार्क में लगभग 3 किमी के बाद हाथियों के झुंड, मोर, नील गाय व जंगली सुअर के दीदार किये।
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रेन्जर महेंद्र गिरी गोस्वामी ने बताया कि पर्यटको के दो वाहन जंगल सफारी के लिए भी चले गए हैं। चीला में सुबह के वक्त पर्यटकों के आठ वाहन जंगल सफारी के लिए निकले हैं। वाइल्ड लाइफ एक्ट की बंदिशों के चलते हाथी न मिल पाने के कारण राजाजी नेशनल पार्क (अब राजाजी टाइगर रिजर्व) में पिछले 9 वर्षों से एलीफेंट सफारी एक हसीन ख्वाब बनकर रह गई थी।
हालांकि, पूर्व में पर्यटक यहां एलीफेंट सफारी का मजा लेते थे, लेकिन वर्ष 2007 में इस पर रोक लगा दी गई थी।
खैर! नौ साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर राजाजी टाइगर रिजर्व की चीला रेंज में पर्यटकों के लिए एलीफेंट सफारी शुरू कर दी गयी है। इसके लिए पार्क प्रशासन ने केंद्र सरकार से अनुमति ली है।
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सैलानियों ने पहले ही दिन सफारी का मजा लिया। इस दौरान चीला रेंज में हाथी, चीतल, संभार, नील गाय व रानीपुर में गुलदार व हाथियों के झुंड सहित अन्य वन्य जीवों का दीदार कर पर्यटक उत्साहित दिखे।
चीला रेंज के वाइल्ड लाइफ वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि एलीफेंट सफारी में रेंज के दो पालतू मादा हाथी राधा व रंगीली और एक नर हाथी राजा का प्रयोग किया जा रहा है। बताया चीला रेंज में आने वाले पर्यटकों के लिए एलीफेंट सफारी की अवधि एक से डेढ़ घंटे की होगी। सफारी के लिए चीला रेंज में अलग से 3 से 4 किमी का कच्चा ट्रेक बनाया गया है।
राजस्व में होगी वृद्धि
एलीफेंट सफारी बंद होने के बाद पार्क के राजस्व में भारी कमी देखने को मिल रही थी। वर्ष 2007 तक करीब 90 फीसद विदेशी पर्यटक एलीफेंट सफारी करते थे। तब उनसे प्रति पर्यटक 750 रुपये किराया लिया जाता था। इसमें 400 रुपये हाथी का किराया भी शामिल था। अब दोबारा एलीफेंट सफारी शुरू होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ने के साथ पार्क के राजस्व में बढ़ोत्तरी की भी संभावना है। इस बार पर्यटकों से 300 रुपये किराया लिया जायेगा।
कार्बेट पाक भी खुला
नैनीताल जनपद के रामनगर में कार्बेट पार्क का ढिकाला पर्यटन जोन भी पांच माह बंद रहने के बाद देशी विदेशी पर्यटकों के भ्रमण व रात में ठहरने के लिए खुल गया। इसके अलावा पार्क के ढिकाला, ढेला, झिरना व दुर्गादेवी पर्यटन जोन के भीतर बने विश्राम गृह में पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधा भी आज से शुरू हो गई।
हर साल 15 जून से कार्बेट का ढिकाला जोन बरसात के चलते बन्द कर दिया जाता है। क्योंकि बरसात में जंगल के भीतर के नदी नाले उफान में रहते है और कच्ची सड़क भी खराब हो जाती है।
ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर ढिकाला जोन बन्द कर दिया जाता है। ढिकाला के भीतर पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई। अभी तक बिजरानी, ढेला, झिरना, दुर्गादेवी पर्यटको के लिए एक दिवसीय भ्रमण के लिये खुला था। लेकिन आज से पर्यटक रात में पार्क में ठहर भी सकते हैं।
पर्यटकों द्वारा पार्क के सभी जोनो में घूमने व ठहरने के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई गई है। सीटीआर के उपनिदेशक अमित वर्मा ने बताया की जिप्सी चालक व गाइडों को पार्क के नियमो का पालन करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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