न दिया ओटीपी और न खोला कोई लिंक, फिर भी खाते से साफ हो गई 1.64 लाख रुपये की रकम
मंगलौर में एक अस्पताल कर्मचारी के खाते से 1.64 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई। कर्मचारी ने ओटीपी या कोई जानकारी साझा नहीं की थी। खाते से पैसे निकलने का संदेश मिलने पर उसे ठगी का पता चला। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कर्मचारी ने बताया कि उसने कभी आनलाइन लेन-देन नहीं किया।

सांकेतिक तस्वीर।
संवाद सहयोगी, जागरण, मंगलौर: कस्बे के एक निजी अस्पताल में कर्मचारी के खाते से ठग ने अजीबोंगरीब तरीके से 1.64 लाख की रकम साफ कर दी। कर्मचारी न तो नेट बैंकिंग इस्तेमाल करता है और न ही उसने किसी को ओटीपी या अन्य कोई जानकारी दी।
पुलिस से की है शिकायत
खाते से निकासी का मैसेज आने पर ठगी का पता चला। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
नहीं करते नेट बैंकिंग का प्रयोग
मंगलौर रुड़की मार्ग पर एक निजी अस्पताल है। इस अस्पताल में रामसहाय लोधी कर्मचारी हैं। वह पिछले करीब तीन साल से यहां पर काम कर रहे हैं। अस्पताल कर्मचारी ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह इंटर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
मोबाइल फोन पर आया मैसेज
बताया कि 25 सितंबर को उनके खाते से एक लाख 64 हजार 230 रुपये की रकम साफ हो गई। उनके मोबाइल पर खाते से निकासी का मैसेज आया तो उन्हें इसका पता चला। यह रकम कई बार में निकाली गई। यह मैसेज देखकर उनके होश उड़ गए।
आनलाइन निकाली गई रकम
उन्होंने बैंक में जाकर जानकारी जुटाई तो पता चला कि यह रकम आनलाइन निकाली गई है। जबकि वह आनलाइन लेनदेन नहीं करते हैं।
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